सनातन धर्म और हिन्दू समाज की रक्षा के लिए अपने शिष्यों के साथ कावंड़ लायेंगे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी

गाज़ियाबाद: शिवशक्ति धाम डासना में पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने अपने अंतिम समय में सनातन धर्म व हिन्दू समाज की रक्षा के लिये स्वयं को माँ और महादेव को समर्पित करने का निर्णय लिया है। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का मानना है कि अब कोई मानवीय शक्ति सनातन धर्म और हिन्दू समाज की रक्षा नहीं कर सकती।अब तो केवल देवाधिदेव भगवान महादेव शिव और जगद्जननी माँ जगदम्बा ही हिन्दुओ को सद्बुद्धि दे कर हिन्दुओ को बचा सकते हैं।इसीलिए अब वो अपना बचा हुआ जीवन और शक्ति माँ और महादेव की उपासना में लगाना चाहते हैं।महादेव को प्रसन्न करने करने के लिये उन्होंने निर्णय लिया कि जब तक उनका शरीर है तब तक वो प्रतिवर्ष दो बार कांवड़ लाया करेंगे ताकि महादेव प्रसन्न होकर सनातन धर्म और हिन्दू समाज की रक्षा हेतु हिन्दुओ को सद्बुद्धि प्रदान करके कायरता,अकर्मण्यता और कमीनेपन से दूर करके उन्हें पौरुष, पुरुषार्थ व पराक्रम प्रदान करें।

इस बार कांवड़ यात्रा में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज के साथ उनकी शिष्य मण्डली में बीस सन्त और चालीस पूर्व सैनिक भी सम्मिलित होंगे। यति सन्यासियों की पूरी मंडली जिसमे यति सत्यदेवानंद, यति निर्भयानंद, यति कृष्णानंद, यति असीमानंद,यति रामस्वरूपनन्द तथा अन्य सन्यासी हैं, उन्होंने भी कांवड़ लाने का संकल्प लिया।