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पीएचडी स्कॉलर अंकित खोखर हत्याकांड : मकान मालिक मुंहबोला जीजा व उसके मित्र गिरफ्तार

गाजियाबाद:  पीएचडी स्कॉलर अंकित खोखर हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा करते हुए मकान मालिक मुंहबोला जीजा व उसके मित्र को गिरफ्तार किया है। पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी ग्रामीण डॉ. ईरज रजा ने बताया इस हत्याकांड में उमेश शर्मा और उसका दोस्त प्रवेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त आरी, जले हुए कपड़े, मृतक की पासबुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल व बाइक बरामद की है। उमेश के घर से फोरेंसिक टीम ने खून और बाल बरामद किए हैं, जो संभवत अंकित खोखर के हो सकते हैं। लाश के टुकड़ों को खोजने के लिए कई टीमें सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। उन्होंने बताया बागपत जिले में मुकंदपुर गांव निवासी मृतक अंकित के पिता प्रिंसिपल पद से साल-2013 में रिटायर हुए थे। इसके कुछ दिन बाद ही अंकित की मां और पिता दोनों की मृत्यु हो गई। कोई और संतान नहीं होने की वजह से घर में सिर्फ अंकित बचा था। वो गांव में नहीं रहना चाहता था। इसलिए पुश्तैनी प्रॉपर्टी भी एक करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत में बेच दी। जिसका पता मुंहबोले जीजा उमेश शर्मा को चल गया था। अंकित के लापता होने के बाद कोई उसके बारे में खैर-खबर रखने वाला नहीं होगा।

अंकित लखनऊ के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा था। तीन माह पूर्व ही उसने यूनिवर्सिटी में अपनी फाइल सब्मिट की थी ।  मृतक के दोस्त रुपेश कुमार, डॉ विशाल शर्मा समेत 6 लोगों ने मोदी नगर थाने में 12 दिसंबर को अंकित की गुमशुदगी दर्ज कराई थी कि 7 अक्टूबर 2022 से अंकित लापता है। इससे पहले ही उनकी फोन पर आपस में बातचीत हुई थी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर अंकित के बैंक खातों की डिटेल्स और उसके मोबाइल की लोकेशन निकलवाई। अंकित के दो बैंक खाते थे। एक पीएनबी और दूसरा केनरा बैंक में। दोनों खातों से अंकित के लापता होने के दो महीने बाद तक लगातार 52 ट्रांजैक्शन हो गई। 13 बार में 13 लाख रुपए पीएनबी से केनरा बैंक में ट्रांसफर किए और फिर रकम निकाली गई। जबकि करीब 22 लाख रुपए सीधे पीएनबी से डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग के जरिए निकाले गए। दोनों खातों से अक्टूबर से दिसंबर के बीच करीब 35 लाख रुपए निकाले गए।

डीसीपी (ग्रामीण) ने बताया टेलिकॉम कंपनी से मिली जानकारी में पता चला कि अंकित के मोबाइल की लोकेशन लगातार उसके मकान मालिक उमेश शर्मा के घर में मिलती रही। जब मकान मालिक उमेश से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या करने की बात कबूली। उमेश की ससुराल भी अंकित के गांव मुकंदपुर में है। अंकित का दोस्त प्रदीप, जो उमेश का सगा साला है। इस नाते अंकित खोखर भी उमेश शर्मा को अपना जीजा मानता था।  मृतक ने उमेश को पुश्तैनी प्रॉपर्टी बिकने और खाते में करीब डेढ़ करोड़ रुपए आने की बात बता दी। जहां से उमेश के मन में लालच आ गया ।आरोपी ने पहले बिजनेस के नाम पर उधार लिए 60 लाख रुपए वापस न करने के लिए पहले हत्या की और फिर मृतक अंकित के खाते से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और डेबिट कार्ड के जरिए 54 बार में करीब 35 लाख रुपए निकाल लिए। किसी को शक न हो इसके लिए अंकित जिंदा है, ये प्रूफ करने के लिए वह उसका मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता रहा और बार-बार लोकेशन बदलता रहा।

जब किसी दोस्त का व्हाट्सएप पर मैसेज आता तो उसका रिप्लाई कर देता था।  6 अक्टूबर की दोपहर करीब 12 बजे अंकित खोखर पढाई कर रहा था, तभी उमेश पहुंचा और उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को घर में ही रखकर बाजार गया। क्योंकि, मकान मालिक कपाउंडर था ऐसे में सर्जिकल आरी खरीदी और फिर घर वापस आकर सिर, धड़ और टांगों के टुकड़े किए। उन्हें 3 पॉलीथिन में पैक किया। रात होते ही शव के टुकड़े को कार की डिग्गी में रखकर खतौली पहुंचा और वहां सबसे पहले धड़ को फेंका, फिर वो गंगनगर में टांगों को फेंक दिया। सबसे आखिरी में वो पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पहुंचा, जहां उसने सिर को फेंक दिया।करीब 60 किलोमीटर में 3 जगह पर शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के बाद वापस घर पहुंचा। बड़ा अमाउंट निकालने के बाद उमेश ने डेबिट कार्ड अपने दोस्त प्रवेश शर्मा निवासी चिपियाना (नोएडा) को दे दिया। प्रवेश ने उत्तराखंड जाकर एक दिसंबर को हरिद्वार के एटीएम कार्ड से दो दिसंबर को ऋषिकेश के एटीएम और 12 दिसंबर को रुड़की के एटीएम से 40-40 हजार रुपए निकाले। प्रवेश अपना फोन नोएडा में घर पर रखकर गया था, ताकि उसकी लोकेशन उत्तराखंड न आए। इतना ही नहीं, प्रवेश ने उत्तराखंड में अंकित का मोबाइल चालू रखा, जिससे सबको यह लगे की वह उत्तराखंड में मौजूद है। मगर पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद हत्या का पर्दाफाश कर दिया।

Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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