चंद्रयान मिशन को सफल बनाने वाले इसरो की टीम में शामिल हैं गाजियाबाद की बेटी तनीषा भाटिया

गाजियाबाद : इसरो के वैज्ञानिकों ने बुधवार को इतिहास चंद्रयान 3 चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरा तो हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। इस ऐतिहासिक व गौरवशाली सफलता के लिए गाजियाबाद की बेटी तनीषा भाटिया ने भी दिन-रात एक कर दिया। तनीषा इसरो के वैज्ञानिकों की उस टीम में शामिल हैं, जिसके कंधों पर चंद्रयान 3 के मिशन को सफल बनाने की जिम्मेदारी थी। तनीषा के पति शुभजीत भी इसरो में वैज्ञानिक हैं।

राजनगर निवासी राजेश भाटिया व अनीता भाटिया ने बताया कि उनकी बेटी तनीषा में बचपन से ही कुछ अलग हटकर कर दिखाने का जज्बा था। वह चाहती थी कि वह देश के लिए कछ ऐसा करके दिखाए जिससे देश का पूरे विश्व में नाम हो। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वह दिन-रात मेहनत करती थी। तनीषा ने कक्षा 10 की पढाई सेंटपॉल एकेडमी से की थी और 96.8 प्रतिशत अंक के साथ टॉप किया था। वहीं कक्षा 12 की पढाई डीपीएसजी मेरठ रोड से की और बोर्ड परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। तनीषा को असफलता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होती थी और इसी का नतीजा है कि आज उसने अपने परिवार, जनपद, प्रदेश का ही देश का नाम रोशन कर दिया।

राजेश भाटिया व अनीता भाटिया ने बताया कि तनीषा का एडमिशन एनएसआईटी में कम्प्यूटर साइंस में हो गया था। वारांगल व लखनऊ में भी नाम आ गया, मगर उसने एडमिशन लेने से मना कर दिया। उसकी जिद के आगे एनएसआईटी से जब पेपर वापस लेने गए तो हर कोई हैरान रह गया कि इतना अच्छा मौका हाथ से जाने दे रहे हैं। पिता ने तो तनीषा का पूरा साथ दिया, मगर मां तनीषा के इसरो में जाने के खिलाफ थी मगर आज जब बेटी ने इतिहास रच दिया तो उन्हें बेटी पर गर्व हो रहा है। मिशन की सफलता के बाद उनकी बेटी से व्हाटसअप पर कुछ देर मैसेज के जरिए ही बात हो पाई।


डीपएसजी मेरठ रोड के लाइब्रेरियन यतिन ने बताया कि तनीषा बहुत ही मेधावी छात्रा थी। उसने स्कूल से कक्षा 12 की बोर्ड की परीक्षा वर्ष 2009 में पास की थी। तनीषा का रूझान वैज्ञानिक बनने की तरफ ही था। वह लाइब्रेरी से जो किताबें लेती थी, उनमें अधिकांश साइंस से सम्बंधित ही होती थीं।
