वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार कुलदीप तलवार का निधन: एक सदी का अंत, अमिट विरासत छोड़ गए

गाजियाबाद: वरिष्ठ साहित्यकार, स्तंभकार व पत्रकार कुलदीप तलवार शुक्रवार शाम पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके देहांत के साथ एक सदी का अंत हो गया। कुलदीप तलवार साहित्य से लेकर हास्य और फिल्मी जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ गए। पिछले कुछ समय से वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ऑटो बायोग्राफी लिख रहे थे जो अंतिम पड़ाव में थी। अब उनके जाने के बाद यह बायोग्राफी भी अधूरी रह गई। कुलदीप तलवार 90 सालों तक दीपक की तरह ज्योति फैलाते रहे। कुलदीप तलवार पाकिस्तान मामलों के विशेषज्ञ रहे। पाकिस्तान मामलों में वह बारीकी से जानकारी रखते थे। इस कारण भारत सरकार भी कोई निर्णय लेते हुए कुलदीप तलवार जी से सलाह करती थी। बालीवुड में भी कई फिल्मों में उनका योगदान रहा कुछ फिल्मों की पटकथा में वह सलाहकार रहे। इसके साथ ही अन्य कई हिट फिल्मों उन्होंने व उनके छोटे भाई शक्तिमान तलवार अहम भूमिका निभाई कुलदीप तलवार जी का जन्म पाकिस्तान के खुशाब् में 16 नवंबर 1936 में हुआ था।
बंटावरे के दौरान वह अपने परिवार के साथ भारत आ गए थे और गाजियाबाद में आकर बस गए थे। सबसे पहले वह बजरिया में कीर्तन वाली गली में रिफ्यूजी क्वार्टर में रहे। 6 भाई बहनों में वह दूसरे नंबर पर थे। भारत आने के बाद कुलदीप तलवार भारतीय खाद्य निगम में महाप्रबंधक के पद पर रहे। उन्होंने अपने कुशल कौशल का परिचय देते हुए संस्थान को नई दिशा दी। वहां सेवा देते हुए वह लेखन कार्य करते रहे और सेवानिवृत होने के बाद पूरी तरह से लेखन में आ गए। कुलदीप तलवार जी को शुरू से ही लिखने का शौक था। वह प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय से ही वह भारत की प्रमुख पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में लेख लिखते रहे। इसके साथ ही वर्तमान तक उनके लेख कई अखचारों में छपते रहे।
पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बंग्लादेश, पीओके की राजनीति पर वह निरंतर निगाह रखते थे और वहां के घटनाक्रम व गतिविधियों को लेकर भारत सरकार भी उनसे सलाह लेती रहती थी। कुलदीप तलवार हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी भाषाओं के जानकार थे। वह भारत सरकार द्वारा प्रकाशित पत्रिका हंसी-हंसी में के निरंतर लेखक रहे। इसके अलावा उनकी गुस्ताखी माफ व अन्य पुस्तक भी काफी लोकप्रिय रहीं।
वह हिन्दुस्तान समूह की पत्रिका कादम्बिनी के भी स्तंभकार रहे, जिसमें उनका नियमित कॉलम इनके भी बयां जुदा जुदा बहुत लोकप्रिय रहा। वह लंबे समय तक पत्रकारिता में सक्रिय रहे। अन्य अखबारों के लिए भी हास्य- व्यंग बराबर लिखते रहे। बच्चों के लिए उन्होंने कहानियां भी लिखी।
बाऊजी कुलदीप तलवार की कई बड़ी हस्तियों के साथ मित्रता रही। इस कड़ी में वह बताते थे कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के साथ भी उनकी गहरी दोस्ती थी। बाऊजी बताते थे कि कई दशक पहले नौकरी के दौरान ही उन्होंने एक मारूति 800 कार खरीदी थी। उन्होंने यह कार मनमोहन सिंह के साथ खरीदी थी। दोनों ने अलग-अलग कार खरीदी थीं और नंबर भी उन्हें आगे-पीछे के मिले थे। यह कार उनके पास काफी समय तक रही और कुछ वर्ष पहले ही उन्होंने इस कार को बेच दिया। इसके साथ ही अन्य कई बड़ी हस्ती भी कुलदीप तलवार जी के स्वभाव की कायल थी।


