Ghaziabad

उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर जाट फेडरेशन ने कांग्रेस को घेरा

गाजियाबाद: आजादी के 75 वर्षों में पहली बार विपक्ष ने देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस कदम पर अखिल भारतीय जाट फेडरेशन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे पिछड़े वर्गों और किसानों के अपमान का प्रतीक बताया।

अखिल भारतीय जाट फेडरेशन के प्रवक्ता ने कहा, “कांग्रेस और विपक्षी दलों ने किसान वर्ग और पिछड़ी जातियों के बेटे जगदीप धनखड़ को निशाना बनाकर अपनी दोगली मानसिकता उजागर की है।” फेडरेशन ने कांग्रेस पर पिछड़े वर्गों और किसानों के प्रति ऐतिहासिक रूप से पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

फेडरेशन के अनुसार, आजादी के बाद कांग्रेस ने काका कालेकर समिति की रिपोर्ट को खारिज कर पिछड़े वर्गों के अधिकारों को नकारा। यही नहीं, मण्डल आयोग की सिफारिशों का भी कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया और तत्कालीन वी.पी. सिंह सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई।

प्रवक्ता ने कहा, “यह वही कांग्रेस है जिसने किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह और कर्पूरी ठाकुर जैसे महान नेताओं को भारत रत्न देने का विरोध किया था। आज भी, कांग्रेस और विपक्ष का यही रवैया उपराष्ट्रपति धनखड़ के प्रति देखा जा रहा है।”

जाट फेडरेशन ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को पढ़ा-लिखा और काबिल नेता बताते हुए कहा कि उनका संवैधानिक पद पर होना किसान और पिछड़े वर्गों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ धनखड़ का ही नहीं, बल्कि पूरे किसान और कमेरा वर्ग का अपमान है।

फेडरेशन ने साफ शब्दों में कहा कि जाट समाज कांग्रेस और विपक्ष की दोगली नीतियों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रवक्ता ने चेतावनी दी, “देश भर में जाट समुदाय इस अन्याय के खिलाफ विरोध करेगा और कांग्रेस की किसान व पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को उजागर करेगा।”

अखिल भारतीय जाट फेडरेशन ने देश के किसानों, मजदूरों और पिछड़े वर्गों से अपील की कि वे कांग्रेस और विपक्ष की नीतियों का पुरजोर विरोध करें। उन्होंने कहा, “यह समय है कि किसान और कमेरा वर्ग एकजुट होकर अपने सम्मान और अधिकारों की रक्षा करें।” यह विवाद न केवल उपराष्ट्रपति के संवैधानिक पद के सम्मान का सवाल है, बल्कि देश के किसान और पिछड़े वर्गों की अस्मिता का मुद्दा बन गया है। अब देखना होगा कि विपक्षी दल इस विरोध पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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