पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक समझौता
नई दिल्ली: परंपरागत चिकित्सा के क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए भारत और इंडोनेशिया ने एक ऐतिहासिक समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते पर हस्ताक्षर भारत के आयुष मंत्रालय के फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी (PCIM&H) और इंडोनेशिया के फूड एंड ड्रग अथॉरिटी के बीच हुए। यह समझौता इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की भारत यात्रा (23-26 जनवरी, 2025) के दौरान हुआ।
समझौते का आदान-प्रदान भारत के माननीय प्रधानमंत्री और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की उपस्थिति में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा किया गया। इस समझौते को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के तहत चिह्नित किया गया है।
भारत की ओर से PCIM&H के निदेशक डॉ. रमन मोहन सिंह और इंडोनेशिया की ओर से फूड एंड ड्रग अथॉरिटी की चेयरपर्सन प्रोफेसर डॉ. तरुना इक़रार ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
समझौते के मुख्य बिंदु:
इस समझौते के तहत दोनों देश निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए सहमत हुए:
- सूचना और ज्ञान का आदान-प्रदान: पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित नियामक प्रावधानों के अनुभव और जानकारी को साझा करना।
- क्षमता निर्माण: सेमिनार, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से विशेषज्ञों का आदान-प्रदान।
- तकनीकी दौरे: दोनों देशों की नियामक प्रक्रियाओं से परिचित होने के लिए तकनीकी यात्राएं।
- अंतरराष्ट्रीय आयोजन: दोनों देशों द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भागीदारी।
- संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम: संबंधित उद्योगों और संगठनों के लिए आपसी सहमति से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- अन्य सहयोग: दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर अन्य सहयोग के क्षेत्र।
पारंपरिक चिकित्सा में वैश्विक रुचि का प्रतीक:
यह साझेदारी पारंपरिक चिकित्सा में बढ़ती वैश्विक रुचि को दर्शाती है और भारत और इंडोनेशिया के सांस्कृतिक और औषधीय विरासत के साझा पहलुओं को उजागर करती है। यह समझौता न केवल दोनों देशों के पारंपरिक चिकित्सा के ज्ञान को सशक्त करेगा, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
यह सहयोग दोनों देशों के बीच मित्रता और परस्पर समझ को और गहरा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।