सदन के आदेश की अवहेलना पर भड़के पार्षद, हाउस टैक्स वृद्धि की वसूली पर निगम में डटे रहे जनप्रतिनिधि

गाजियाबाद: नगर निगम में 30 जून को सर्वसम्मति से निरस्त किए गए हाउस टैक्स वृद्धि प्रस्ताव को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। सांसद अतुल गर्ग, कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, विधायक संजीव शर्मा, विधायक अजीत पाल त्यागी, महापौर और सभी पार्षदों की उपस्थिति में हाउस टैक्स वृद्धि को पूर्ण बहुमत से खारिज कर दिया गया था, बावजूद इसके नगर निगम द्वारा लगातार पुराने नोटिसों के आधार पर वसूली की जा रही है।
इस कार्रवाई को सदन की गरिमा का अपमान बताते हुए पार्षदों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। आरोप है कि बोर्ड बैठक के निर्णय की मिनट्स की कॉपी तक अधिकारियों द्वारा जानबूझकर नहीं दी जा रही है, जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है और जनता को अनावश्यक दबाव में लाया जा रहा है।
4 जुलाई और फिर 14 जुलाई को पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल ने अपर नगर आयुक्त जंग बहादुर यादव से मुलाकात कर मिनट्स की कॉपी मांगी, लेकिन हर बार समय लेकर टाल दिया गया। 18 जुलाई को जब पार्षद एक बार फिर निगम पहुंचे और सीधे अपर नगर आयुक्त के कक्ष में गए तो उन्हें फिर वही जवाब मिला — “कॉपी नहीं मिल सकती।”
नाराज पार्षदों ने निगम परिसर में धरना शुरू कर दिया और साफ कहा कि जब तक निर्णय की आधिकारिक कॉपी नहीं दी जाती, वे निगम से हटेंगे नहीं। आरोप है कि इस बीच पार्षदों के विकास कोटे के तहत चल रहे कार्यों को भी ठप कर दिया गया है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

इस विरोध में प्रमुख रूप से पार्षद नीरज गोयल, हिमांशु शर्मा, गौरव सोलंकी, कुसुम मनोज गोयल, नरेश भाटी, पूनम सिंह, राजकुमार सिंह भाटी, भूपेंद्र उपाध्याय, देवनारायण शर्मा, कन्हैयालाल, संतोष राणा, शिवम शर्मा, राहुल शर्मा, शशि पवन गौतम, मदन राय, प्रीति अभिनव जैन, ओमपाल भाटी, धीरज अग्रवाल, संजय त्यागी, पवन कुमार गौतम, अनिल तोमर, प्रमोद राघव, अजीत निगम, विनील दत्त, मुन्नी कश्यप, प्रतिमा शर्मा, जगत सिंह, शशि खेमका, राजकुमार राजू, वीर सिंह आदि बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि यदि 18 जुलाई को भी निर्णय की प्रति नहीं दी गई तो निगम परिसर में धरना और व्यापक आंदोलन तेज किया जाएगा।


