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दिवाली की खरीददारी को लेकर दिल्ली के बाजारों में लौटी रौनक

  • सदर बाजार, सरोजिनी नगर जैसे बाजारों में आ रहे 1 लाख लोग
  • चीनी लाॅकडाउन का नहीं पड़ रहा कोई असर
  • दिवाली मेरा त्यौंहार है – अमेजाॅन का नहीं – सीटीआई की इस मुहिम का 100 व्यापारी संगठनों ने किया समर्थन
  • फेसबुक, व्हाट्सऐप आदि सोशल मीडिया पर ऑनलाइन खरीददारी पर अभियान चला रहे व्यापारी

नई दिल्ली: दीपावली के अवसर पर खरीदारों को बाजारों में खींचने के लिए व्यापारिक संस्थाएं कई प्रयासों में जुटी हैं। मार्केट को रंग-बिरंगी लाइट्स और झालरों से सजा दिया है। ग्राहकों के लिए आकर्षक डिस्काउंट स्कीम, लकी ड्रॉ कूपन, सेल्फी पॉइंट्स और खाने-पीने के अच्छे स्टॉल लगाए हैं। सोशल मीडिया के जरिए अपील की जा रही है कि खरीदार ई-कॉमर्स के बजाए मार्केट में जाकर परचेजिंग करें। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने फेसबुक, ट्विटर और वाट्सएप पर कई तरह के पोस्टर बनाकर जारी किये हैं।

सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने आग्रह किया है कि उपभोक्ता परिवार के साथ बाहर निकलें। बाजारों में रौनक लौटाएं , शहर के बाजारों में उमंग के दीप जलाएं। ऑनलाइन खरीदारी से बचें।

शॉपिंग का मजा शॉप पर है, स्क्रीन पर नहीं।

दिल्ली में 100 से अधिक मार्केट एसोसिएशन्स ने सीटीआई की इस मुहिम का समर्थन किया है, बृजेश गोयल ने बताया कि
कोरोना के दौर में काफी बिजनेस ई-कॉमर्स साइट पर शिफ्ट हुआ, जिससे पारंपरिक व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ा है।
कई ई-कॉमर्स साइट्स के ऑर्डर में फर्जीवाड़ा भी देखने को मिला है। मोबाइल या कंप्यूटर से ऑर्डर कुछ सामान किया है, जबकि डिलिवर कुछ हुआ है। पैकेट खोलते हैं, तो नकली माल या कटा-छंटा प्रोडक्ट निकल आता है। ग्राहकों को समझना चाहिए कि महामारी के दौर में पड़ोस के दुकानदारों ने जान पर खेलकर खाने-पीने की वस्तुएं मुहैया कराईं। कई तो कोरोना संक्रमित होकर परलोक भी सिधार गए।

अब दीपावली के अवसर पर पड़ोस के दुकानदारों का बिजनेस बढ़ाने का समय है। मार्केट में कई पसंद मिल जाती है। जानकार व्यापारी 10-15 दिन माल उधार भी दे देते हैं। गड़बड़ी की आशंका कम होती है। माल वापस करने का ऑप्शन भी देते हैं।

इस वर्ष दिवाली में भारतीय उत्पादों की बिक्री एवं खरीद पर ही ज्यादा जोर है जिसके कारण चीन के व्यापार को जबरदस्त झटका लगने की संभावना है , गलवान की घटना के बाद भारतीय ग्राहकों ने अब चीनी सामान माँगना छोड़ दिया दिया है जिससे भारतीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने में बहुत बढ़ावा मिला है और सीटीआई ने भी दिल्ली के व्यापारियों और आम लोगों से भारत निर्मित स्वदेशी सामान को खरीदने एवं बेचने की अपील की थी।

भारत में निर्मित उत्पादों विशेष रूप से घर की सजावट के सामान, दिवाली पूजा के सामान जिसमें मिट्टी के दीये, देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, शुभ-लाभ, ओम जैसे पारंपरिक सौभाग्य के प्रतीक, देवी लक्ष्मी एवं श्री गणेश जी की पूजा का सामान, घर की सजावट का सामान जो स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं की अच्छी खासी डिमांड है, इसके अलावा एफएमसीजी सामान, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली उपकरण और सामान, रसोई के सामान और अन्य उपकरण, उपहार की वस्तुएं, व्यक्तिगत उपभोग्य वस्तुएं, मिष्ठान्न-नमकीन ,होम फर्निशिंग, कपड़ा, रेडीमेड वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, टेपेस्ट्री, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, जूते, घड़ियां, फर्नीचर और फिक्स वस्त्र, वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, सौंदर्य उत्पाद, मोबाइल और उसके सहायक उपकरण, लकड़ी और प्लाईवुड, पेंट और कांच, दूध और दूध उत्पाद, डेयरी उत्पाद, किराना, खाद्यान्न, खाद्य तेल, दालें, साइकिल और उसके सामान, दीवार घड़ियां गोटा-जरी, साड़ी और ड्रेस मटेरियल आदि वस्तुएं भी अच्छी खासी डिमांड में हैं।

इस बार दिल्ली के मशहूर भागीरथ प्लेस मार्केट में भी भारत निर्मित लड़ियों, झालर, लाइटिंग का सामान आदि में भी भारतीय सामानों की जबरदस्त बिक्री हो रही है और चीन में हो रहे लाॅकडाउन का कोई असर नहीं है क्योंकि पिछले सालों की तुलना में चीनी उत्पादों की मांग काफी कम हो गई है।

सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि दिल्ली में करोल बाग, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, कमला नगर, भागीरथ पैलेस, दरीबा कलां, चांदनी चौक, खारी बावली, चावड़ी बाजार, नेहरू प्लेस, लाजपत नगर, साउथ एक्स, सरोजिनी नगर, गांधी नगर, लक्ष्मी नगर, कश्मीरी गेट, शाहदरा, रोहिणी, अवंतिका और पीतमपुरा जैसे मार्केट एसोसिएशन्स ने सीटीआई की इस मुहिम का समर्थन किया है और व्यापारियों के साथ साथ लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं।

Deepak Tyagi

वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार, रचनाकार व राजनीतिक विश्लेषक ईमेल आईडी :- deepaklawguy@gmail.com, deepaktyagigzb9@gmail.com टविटर हैंडल :- @DeepakTyagiIND

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