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पानी को लेकर संभल जाए -झीलों के शहर बेंगलुरु जैसा हाल न हो जाए

नई दिल्ली: बेंगलुरु में पानी का यह संकट अचानक से नहीं आया है इसके पीछे 50 साल की लापरवाही और माफियाओं का अनैतिक गठजोड़ है इसी गठजोड़ की वजह से झीलों का शहर बेंगलुरु आज जल संकट की वजह से चर्चा में है बेंगलुरु में पिछले 15 दिनों से जल संकट है गर्मी बढ़ते ही पानी की कमी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में हाहाकार मचा दिया है शहरवासियों को पीने के पानी के लिए 24-24 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है हालांकि, यह इंतजार भी पानी की कमी को पूरा कर पाने में असमर्थ है

इस स्टोरी में यह संकट कितना बड़ा है और क्यों आया इसे विस्तार से जानेंगे, लेकिन बेंगलुरु में पानी संकट है, वो दिल्ली, NCR और लखनऊ जैसे बड़े शहरों के लिए एक चेतावनी है इस चेतावनी को अगर समय रहते नहीं समझा गया तो आने वाले वक्त में इन शहरों का हाल भी बेंगलुरु जैसा हो सकता है

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पिछले 15 दिनों से जल संकट से जूझ रहा है रोटेशनल तरीके से लोगों को टैंकर के जरिए पानी पहुंचाया जा रहा है मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आवास में भी टैंकर से ही पानी पहुंचाया जा रहा है

स्थानीय मीडिया के मुताबिक पानी की कमी की वजह से टैंकर के भाव दिनों-दिन बढ़ गए हैं बेंगलुरु में एक टैंकर पानी की कीमत करीब 12 हजार रुपए हैं, जो पहले 800-1000 रुपए था

होली के मौके पर सरकार ने पानी को लेकर एडवाइजरी जारी किया था रिपोर्ट्स के मुताबिक एडवाइजरी के उल्लंघन की वजह से 22 लोगों पर 1-1 लाख का जुर्माना लगाया गया है

दिल्ली-NCR में पानी की किल्लत का बढ़ता खतरा: क्या आप तैयार हैं?

दिल्ली-NCR में गर्मी का मौसम जल्द ही दस्तक देने वाला है और उसके साथ ही पानी की किल्लत की समस्या भी गंभीर रूप ले सकती है। जल स्तर लगातार घट रहा है, वहीं आबादी लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हमने अभी से पानी बचाने के लिए कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में दिल्ली-NCR का हाल बेंगलुरु जैसा हो सकता है।

क्यों गहरा रहा है पानी का संकट?

  • घटता जल स्तर: दिल्ली की अधिकांश पेयजल आपूर्ति यमुना नदी और भूजल पर निर्भर करती है। लेकिन प्रदूषण और अत्यधिक दोहन के कारण यमुना का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। साथ ही, भूजल का भी अत्यधिक दोहन हो रहा है।
  • बढ़ती जनसंख्या: दिल्ली-NCR की आबादी लगातार बढ़ रही है। जिस कारण पानी की मांग भी लगातार बढ़ रही है।

आप कैसे कर सकते हैं पानी की बचत?

छोटे-छोटे प्रयास मिलकर बड़ा बदलाव ला सकते हैं। यहां कुछ तरीके बताए गए हैं जिनकी मदद से आप पानी बचा सकते हैं:

  • नहाने के लिए शॉवर की बजाय बाल्टी का इस्तेमाल करें।
  • ब्रश करते समय और दांत साफ करते समय नल को बंद रखें।
  • गाड़ी धोने के लिए बाल्टी का इस्तेमाल करें, पाइप का नहीं।
  • कपड़े धोने के लिए वॉशिंग मशीन को फुल लोड में ही चलाएं।
  • टपकते हुए नलों को तुरंत ठीक करवाएं।
  • वर्षा जल संचयन अपनाएं। छतों और बालकनियों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाएं।

हमें क्या करने की जरूरत है?

पानी की किल्लत की समस्या से निपटने के लिए सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर काम करना होगा।

  • सरकार को जल स्रोतों के संरक्षण और नई जलापूर्ति परियोजनाओं पर ध्यान देना चाहिए।
  • स्कूलों और कॉलेजों में जल संरक्षण पर जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।

पानी बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। आइए मिलकर यह संकल्प लें कि हम पानी की एक-एक बूंद को बचाएंगे।

Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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