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सचिव – आवासन और शहरी मामले मंत्रालय एवम प्रबंध निदेशक/एनसीआरटीसी के द्वारा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण कार्यों का निरीक्षण

नई दिल्ली/गाजियाबाद/मेरठ : आवासन एवं शहरी मामले मंत्रालय (एमओएचयूए) के सचिव एवं एनसीआरटीसी के अध्यक्ष श्री मनोज जोशी ने एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक श्री विनय कुमार सिंह के साथ दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण के शुरुआत सराय काले खां आरआरटीएस स्टेशन से हुई, जिसे सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों के साथ समेकित रूप से एकीकृत एक बड़े परिवहन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। श्री जोशी ने इस आरआरटीएस स्टेशन पर यातायात एकीकरण योजना और यात्रियों के मूवमेंट का अवलोकन किया, जहां आरआरटीएस के पहले चरण के सभी तीन आरआरटीएस कॉरिडोर एक साथ आ रहे हैं और आपस में इंटरऑपरेबल होंगे। आरआरटीएस स्टेशनों को वॉकवे, लिफ्ट, एस्केलेटर और अंडरपास आदि के माध्यम से परिवहन के अन्य साधनों जैसे मेट्रो स्टेशनों, बस टर्मिनलों और भारतीय रेलवे स्टेशनों, जहां भी संभव हो, के साथ समेकित रूप से एकीकृत किया जाएगा।

उन्हौने आगे बढ़ते हुए यमुना नदी पर आरआरटीएस पुल के लिए किए जा रहे निर्माण कार्य और आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन साइट का अवलोकन किया। एनसीआरटीसी के एमडी ने सचिव को इस बारे में अवगत कराया कि आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन को ‘कम्यूटर फर्स्ट’ दृष्टिकोण और कुशल मल्टीमॉडल एकीकरण को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जा रहा है। यह भी बताया गया कि दिल्ली में चार टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम), कार्य करेंगी। दो टीबीएम आनंद विहार से न्यू अशोक नगर की ओर तथा दो आनंद विहार से साहिबाबाद की ओर। पिछले महीने ही पहली टीबीएम (सुदर्शन 4.1) आनंद विहार से न्यू अशोक नगर की ओर के टनल निर्माण के लिए लॉन्च किया गया है।

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परियोजना के लिए कार्यरत कास्टिंग यार्ड में से एक के उनके दौरे के दौरान, यह बताया गया कि कैसे उच्च गुणवत्ता और शक्ति वाले कंक्रीट प्राप्त करने और निर्माण अवधि को कमा करने के लिए आरआरटीएस के कार्यान्वयन में प्रीकास्ट तकनीक का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। प्री-कास्टिंग तकनीक को अपनाने का यह एक महत्वपूर्ण रणनीतिक निर्णय था क्योंकि कॉरिडोर का निर्माण मुख्य रूप से व्यस्त राजमार्गों के केंद्र या किनारे पर किया जा रहा है।

सचिव ने आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड पर बिजली आपूर्ति के लिए बनाए गए गाजियाबाद रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) की भी समीक्षा की। उन्होंने अत्याधुनिक प्रणालियों और परिष्कृत विद्युत उपकरणों की स्थापना का निरीक्षण किया। इसके अलावा श्री जोशी ने गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन साइट का दौरा किया, जो इस कॉरिडोर के 25 स्टेशनों में सबसे ऊंचा और सबसे बड़ा होने का गौरव प्राप्त करेगा क्योंकि आरआरटीएस कॉरिडॉर दिल्ली मेट्रो के वायडक्ट और इस स्थान पर एक फ्लाईओवर को पार करता है। इस अत्यधिक व्यस्त क्षेत्र में प्रस्तावित यातायात एकीकरण योजना और इस संबंध में एनसीआरटीसी द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों के बारे में उन्हें बताया गया।

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आगे बढ़ते हुए सचिव ने गुलधर आरआरटीएस स्टेशन और उसके पास चल रहे ट्रैक बिछाने के कार्य का निरीक्षण किया. सचिव ने विभिन्न सुरक्षा और धूल-विरोधी उपायों सहित, विशेष रूप से प्राथमिकता खंड के निर्माण प्रगति की गति की सराहना की। सचिव को बताया गया कि 82 किमी लंबे कॉरिडोर के लिए वायडक्ट के सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 23वां लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) को हाल ही में स्थापित किया गया है। किसी भी शहरी परिवहन प्रणाली के निर्माण में इतने बड़े पैमाने पर संसाधनों की तैनाती देश में पहली बार की जा रही है।

सचिव ने साइट पर कार्यरत इंजीनियरों से बातचीत की, 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर के कार्यान्वयन में आ रही उनकी चुनौतियों को समझा। सचिव को एनसीआरटीसी द्वारा निर्माण के दौरान स्थानीय जनता को न्यूनतम असुविधा सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे विभिन्न उपायों के बारे में भी बताया गया, जिसमें बैरिकेडिंग जोन के भीतर किए जा रहे निर्माण, यातायात के प्रबंधन के लिए ट्रैफिक मार्शल की तैनाती आदि शामिल हैं।

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यात्रा आरआरटीएस दुहाई डिपो में संपन्न हुई, जिसमें सचिव ने निर्माण प्रगति, प्रशासनिक भवन, चल रहे विद्युत कार्य, ट्रैक बिछाने की गतिविधियों और आरआरटीएस ट्रेन के प्रोटोटाइप की समीक्षा की। एमडी, एनसीआरटीसी ने सचिव, आवासन एवं शहरी मामले मंत्रालय, को भारत की पहली रीजनल रेल के आधुनिक और यात्री सुविधा युक्त इंटीरियर का प्रदर्शन किया। उन्होंने ट्रेन में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के उपायों को ट्रेन में शामिल करने के लिए निगम के दृष्टिकोण की सराहना की, जिसके अंतर्गत क्षेत्रीय आवागमन के दौरान यात्रियों की आवश्यकताओं के लिए सामान रखने की रैक की सुविधा, हर सीट पर मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग सुविधा, विकलांगों के लिए व्हीलचेयर स्थान का प्रावधान और आपातकालीन चिकित्सा पारगमन के लिए स्ट्रेचर स्थान आदि और आधुनिक रेल रूट मार्ग प्रदर्शन और अन्य उपाय शामिल हैं ।

उन्हौने इस बात पर भी संतोष जयता की परियोजना की गति समयसीमा के अनुसार है। उन्होंने स्वीकार किया कि एनसीआरटीसी टीम सभी हितधारकों के सहयोग से कुशलतापूर्वक काम कर रही है और तय समय पर भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर को चालू करने और एनसीआर के सार्वजनिक परिवहन परिदृश्य को बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

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