- दीपावली उत्सव की खरीददारी से दिल्ली के बाजारों में आएगा 1 लाख करोड़ रुपये
- चीनी सामान की तुलना में भारतीय सामानों की डिमांड ज्यादा
- चीन के लाॅकडाउन का नहीं पड़ेगा दिवाली पर असर
नई दिल्ली: दिवाली त्यौहार का फेस्टिवल सीजन इस बार दिल्ली और देश भर के व्यापारियों के लिए व्यापार के बड़े अवसर लेकर आ रहा है और उम्मीद है कि दिवाली की त्यौहारी खरीद एवं अन्य सेवाओं के जरिये लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की तरलता का बाज़ार में आने की संभावना है !
व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई) ने बयान जारी करके कहा कि धन के इस पर्याप्त प्रवाह से व्यापारिक समुदाय को वित्तीय संकट से मुक्ति मिलने की भी उम्मीद है। दो वर्षों के बाद वर्तमान दिवाली उत्सव बिना किसी कोविड प्रतिबंध के मनाया जाएगा, जो उपभोक्ताओं को दिवाली के लिए खरीदारी करने के लिए देश के हर शहर में वाणिज्यिक बाजारों में आने के लिए प्रेरित कर रहा है। दिवाली का त्यौहारी खरीदी उत्सव नवरात्रि के दिन 26 सितंबर से शुरू हो चुका है और तुलसी विवाह के दिन 5 नवंबर तक चलेगा ।
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, दिवाली उत्सव के कारोबार में दिल्ली में 1 लाख करोड़ रुपये के कारोबार दर्ज करने की उम्मीद है, ऑटोमोबाइल क्षेत्र के शीर्ष संगठन फाडा द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, नवरात्रि की अवधि के दौरान ऑटोमोबाइल की कुल खुदरा बिक्री में 57% की भारी वृद्धि हुई। वाहनों की सभी श्रेणियों में टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, वाणिज्यिक वाहन,निजी वाहन और ट्रैक्टरों में क्रमशः 52%, 115%, 48%, 70% और 58% की अत्यधिक उच्च वृद्धि हुई है । ये आंकड़े दिवाली उत्सव के दौरान अपेक्षित मजबूत कारोबार दिखाते हैं । एक अनुमान के अनुसार दिवाली त्योहार की अवधि के दौरान छोटे से लेकर उच्च श्रेणी के सभी प्रकार की वस्तुओं के लगभग 5 करोड़ उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है, जो दिवाली उत्सव की बिक्री में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
बृजेश गोयल ने बताया कि नवंबर में शादियों का सीजन भी शुरू हो रहा है और उसकी खरीददारी भी लोग अभी कर रहे हैं , सीटीआई ने होटल एवं बैंक्वेट एसोसिएशन्स, रेस्टोरेंट एवं माॅल एसोसिएशन्स, सिनेमा एसोसिएशन्स, शाॅपिंग सेंटर एसोसिएशन, कार डीलर्स एसोसिएशन्स, मेकअप एवं सैलून एसोसिएशन्स , ट्यूर एवं ट्रेवल एसोसिएशन , मार्केट एसोसिएशन्स, इंडस्ट्री एसोसिएशन्स आदि से बात करके यह निष्कर्ष निकाला है कि इस फेस्टिवल सीजन में लगभग 1 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हो सकता है।
सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि महत्वपूर्ण रूप से इस वर्ष दिवाली में भारतीय उत्पादों की बिक्री एवं खरीद पर ही ज्यादा जोर है जिसके कारण चीन के व्यापार को जबरदस्त झटका लगने की संभावना है ,
गलवान की घटना के बाद भारतीय ग्राहकों ने अब चीनी सामान माँगना छोड़ दिया दिया है जिससे भारतीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने में बहुत बढ़ावा मिला है और सीटीआई ने भी दिल्ली के व्यापारियों और आम लोगों से भारत निर्मित स्वदेशी सामान को खरीदने एवं बेचने की अपील की थी ।
भारत में निर्मित उत्पादों विशेष रूप से घर की सजावट के सामान, दिवाली पूजा के सामान जिसमें मिट्टी के दीये, देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, शुभ-लाभ, ओम जैसे पारंपरिक सौभाग्य के प्रतीक, देवी लक्ष्मी एवं श्री गणेश जी की पूजा का सामान, घर की सजावट का सामान जो स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं को देश भर के बाज़ारों में बड़ा व्यापार देंगे ।
इसके अलावा एफएमसीजी सामान, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली उपकरण और सामान, रसोई के सामान और अन्य उपकरण, उपहार की वस्तुएं, व्यक्तिगत उपभोग्य वस्तुएं, मिष्ठान्न-नमकीन ,होम फर्निशिंग, कपड़ा, रेडीमेड वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, टेपेस्ट्री, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, जूते, घड़ियां, फर्नीचर और फिक्स वस्त्र, वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, सौंदर्य उत्पाद, मोबाइल और उसके सहायक उपकरण, लकड़ी और प्लाईवुड, पेंट और कांच, दूध और दूध उत्पाद, डेयरी उत्पाद, किराना, खाद्यान्न, खाद्य तेल, दालें, साइकिल और उसके सामान, दीवार घड़ियां गोटा-जरी, साड़ी और ड्रेस मटेरियल आदि क्षेत्रों में बड़े व्यापार की संभावना है ।
इस बार दिल्ली के मशहूर भागीरथ प्लेस मार्केट में भी भारत निर्मित लड़ियों, झालर, लाइटिंग का सामान आदि में भी भारतीय सामानों की जबरदस्त बिक्री हो रही है और चीन में हो रहे लाॅकडाउन का कोई असर नहीं है क्योंकि पिछले सालों की तुलना में चीनी उत्पादों की मांग काफी कम हो गई है।