गाजियाबाद में सूचना का अधिकार स्थापना दिवस मनाया गया, आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा पर जोर
गाजियाबाद: आज शाम गाजियाबाद के गुलमोहर एनक्लेव स्थित मेरठ मंडल के अध्यक्ष आर के गर्ग के कार्यालय पर सूचना का अधिकार (आरटीआई) का स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर आरटीआई कार्यकर्ता एकत्रित हुए और आरटीआई अधिनियम के महत्व और चुनौतियों पर चर्चा की गई।
अध्यक्ष आर के गर्ग ने इस अवसर पर बताया कि 15 जून 2005 को भारत सरकार ने संसद में आरटीआई अधिनियम को पारित किया था, जो 12 अक्टूबर 2005 से प्रभावी हुआ। तभी से हर साल इस दिन को सूचना का अधिकार स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि यह अधिनियम भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में बेहद कारगर साबित हुआ है, क्योंकि इससे आम नागरिकों को सरकारी सूचनाओं तक पहुंच प्राप्त हुई है।
आर के गर्ग ने कहा, “सूचना का अधिकार कानून ने जनता को सशक्त बनाया है और सरकार की पारदर्शिता सुनिश्चित की है। हालांकि, पिछले कुछ समय से आरटीआई कार्यकर्ताओं को धमकाने और डराने के मामले सामने आए हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए, वर्तमान सरकार को इन कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।”
इस मौके पर गाजियाबाद के जिला अध्यक्ष अजीत निगम ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आरटीआई अधिनियम भ्रष्टाचार को उजागर करने और जनता के अधिकारों की रक्षा करने का एक सशक्त माध्यम है। सचिव यशु गुप्ता ने भी आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा पर जोर दिया और कहा कि यदि आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षित महसूस नहीं होगा, तो उनकी जिम्मेदारी निभाना मुश्किल हो जाएगा।
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य प्रमुख सदस्यों में नरेंद्र गुप्ता, कृष्णेन्दु गुप्ता, रानी शर्मा, विक्रम सिंह, श्रवण कुमार, और गौरव बंसल शामिल थे। सभी ने एक स्वर में सरकार से अपील की कि आरटीआई कार्यकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए और अधिक सख्त कानून बनाए जाएं।
इस अवसर पर चर्चा के साथ-साथ कार्यकर्ताओं ने आरटीआई अधिनियम के तहत अपनी चुनौतियों और अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम का समापन आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और अधिनियम को और मजबूत करने की मांग के साथ हुआ।