गाज़ियाबाद: नगर निगम की बैठक में हाउस टैक्स बढ़ोतरी का प्रस्ताव रद्द, जनता को राहत

गाज़ियाबाद, 30 जून 2025।
महंगाई की मार झेल रही गाज़ियाबाद की जनता को सोमवार को एक बड़ी राहत मिली। नगर निगम सदन की बैठक में हाउस टैक्स बढ़ोतरी के प्रस्ताव को भारी विरोध और बहस के बाद निरस्त कर दिया गया। बैठक में सभी वार्डों के पार्षद, महापौर सुनीता दयाल, नगर आयुक्त सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक की शुरुआत से ही माहौल गर्माया
जैसे ही प्रस्ताव पढ़ा गया, विपक्षी पार्षदों के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल के कुछ पार्षदों ने भी खुलकर इसका विरोध किया। पार्षदों ने तर्क दिया कि जनता पहले ही महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक अस्थिरता से परेशान है, ऐसे में टैक्स बढ़ोतरी न केवल अनुचित है, बल्कि जनभावनाओं के विपरीत भी।
बैठक के दौरान कई पार्षदों ने यह भी कहा कि निगम को पहले अपने राजस्व के अन्य स्रोतों को सुधारने और अनावश्यक खर्चों पर अंकुश लगाने की जरूरत है, न कि जनता पर अतिरिक्त बोझ डालने की।


महापौर का अहम फैसला
लगातार विरोध और बहस के बीच महापौर सुनीता दयाल ने बैठक में स्पष्ट शब्दों में कहा:
“जनता की भावनाओं और सभी पार्षदों की राय को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे समय में जब हर घर आर्थिक दबाव में है, हाउस टैक्स में वृद्धि करना जनविरोधी कदम होगा। इसलिए यह प्रस्ताव सदन में निरस्त किया जाता है।”
इस निर्णय पर पूरे सदन में संतोष की लहर दौड़ गई और सभी दलों के पार्षदों ने एकमत होकर प्रस्ताव रद्द करने का स्वागत किया।
वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हुई बैठक
सदन की इस महत्वपूर्ण बैठक में गाज़ियाबाद के सांसद अतुल गर्ग, सदर विधायक संजीव शर्मा, साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा और मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी नेताओं ने प्रस्ताव को खारिज करने के निर्णय का समर्थन किया और इसे जनहित में उठाया गया सराहनीय कदम बताया।
जनता को मिली राहत, निगम की साख बची
नगर निगम की इस निर्णय को जनता के हित में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। जहां एक ओर नागरिकों ने राहत की सांस ली, वहीं दूसरी ओर यह कदम नगर निगम की जनसंवेदनशीलता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास को भी दर्शाता है।
निगम को राजस्व सुधार की चुनौती
हालांकि, प्रस्ताव रद्द होने से नगर निगम के राजस्व पर असर पड़ना तय है। अब निगम को अपने बजट संतुलन के लिए वैकल्पिक स्रोतों, स्मार्ट टैक्स वसूली तंत्र और अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण जैसे उपायों पर कार्य करना होगा।


