नारी शंखनाद मातृशक्ति सम्मेलन रविवार को होगा

गाजियाबाद: महिला समन्वय समिति गाजियाबाद विभाग द्वारा ‘नारी शंखनाद मातृशक्ति सम्मेलन’, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, नेहरू नगर गाजियाबाद में 10 दिसंबर रविवार को आयोजित किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य समाज के विभिन्न संगठनों की प्रबुद्ध महिलाओं को एक मंच पर लाकर देश और समाज के लिए एकजुट होकर कार्य करने के लिए प्रेरित करना है।
महिला समन्वय की विभाग संयोजिका दीप्ति शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन में अधिवक्ता, चिकित्सक, शिक्षिका, प्रधानाचार्या निर्देशिका, एनजीओ संचालिका, व्यवसायी, विभिन्न समूहों की प्रतिनिधि बहने, वैज्ञानिक, कवियत्री, लेखिका आदि बड़ी संख्या में सहभागिता करेंगी, जिनके साथ स्थानीय महिला की दशा और दिशा पर चर्चा भी की जाएगी। इस कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में दीदी मां साध्वी ऋतंभरा जी का उद्बोधन रहेगा। वात्सल्य मूर्ति परम पूज्या दीदी मां साध्वी ऋतंभरा जी विश्व विख्यात आध्यात्मिक विभूति हैं। दीदी मां मानव जीवन की सार्थकता और सृष्टि के प्रति उसके दायित्वों को सुंदरता के साथ पौराणिक कथानकों से जोड़ती हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि दीदी मां का पावन सानिध्य हमें प्राप्त होने जा रहा है।

अमर शहीद मेजर मोहित शर्मा जी की माता सुशीला शर्मा उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगी। समापन सत्र में ब्रह्मकुमारी उर्मिल बहन वक्ता रहेंगी तथा अध्यक्षता स्मिता मिश्रा, सलाहकार प्रसार भारती, करेंगी। इसके अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों से प्रमुख बहनों की गरिमामयी उपस्थिति भी इस कार्यक्रम में रहेगी।
इस अवसर पर समन्वय समिति की सहसंयोजिका कविता गोयल, रितु शर्मा के साथ-साथ ज्योति चौहान, अनू बंसल, अर्चना श्रीवास्तव, मनु गोस्वामी, उर्वशी, रेनु शर्मा उपस्थित रहीं।
गाजियाबाद विभाग महिला समन्वय समिति की सह संयोजिका कविता गोयल ने प्रेसवार्ता मे बताया कि समाज में महिलाएं हमेशा अग्रणी भूमिका में रही हैं तथा वर्तमान में समाज की प्रमुद्ध बहने अपने कार्यों के साथ-साथ किस तरह समाज उत्थान में तथा नारी सशक्तिकरण में अपनी भूमिका निभा सकती हैं इसी उद्देश्य को लेकर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। महिला समन्वय समिति की विभाग सहसंयोजिका रितु शर्मा ने बताया कि उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि सुषमा सिंह उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग तथा समापन सत्र की मुख्य अतिथि तृप्ति श्रीवास्तव सलाहकार एवं संपादक पांचजन्य, रहेगी।