Ghaziabad

मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेनसेट दुहाई एनसीआरटीसी डिपो पहुंचा

  • सावली, गुजरात से बड़े ट्रेलर्स की मदद से दुहाई डिपो लाया गया ट्रेनसेट

गाजियाबाद : मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेनसेट 27 फरवरी, 2024 की रात को दुहाई गाजियाबाद में एनसीआरटीसी डिपो में पहुंच गया है। मेरठ मेट्रो के तीन डिब्बों का ये ट्रेनसेट बड़े ट्रेलरों की मदद से गुजरात के सावली से लाया गया है जिसे अनलोड कर लिया गया है और अब इसके असेंबलिंग और टेस्टिंग के लिए तैयार किया जा रहा है।

एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक, विनय कुमार सिंह ने हाल ही में मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के फर्स्ट लुक का अनावरण किया था। जिसके बाद एल्स्टॉम ने गुजरात के सावली में एनसीआरटीसी को पहला ट्रेनसेट सौंपा था। यह पहली ट्रेन है जो मेरठ मेट्रो के लिए डिपो मे पहुची है।

अत्याधुनिक डिजाइन वाले इस ट्रेनसेट को पूरी तरह भारत में डिजाइन और निर्मित है तथा ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के अंतर्गत बनाई गयी है। मेरठ मेट्रो के ये ट्रेनसेट ऊर्जा कुशल तो हैं ही, साथ ही हल्के और रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस है, जो स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी), और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) के साथ आते हैं. मेरठ मेट्रो ट्रेन की अधिकतम परिचालन गति 120 किमी प्रति घंटा है.

मेरठ मेट्रो उत्तर प्रदेश के मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तीव्र और आधुनिक परिवहन साधन की शुरुआत करने जा रहा है। मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के आने के साथ ही मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। मेरठ मेट्रो 13 स्टेशनों के साथ 23 किमी लंबा है। अभी मेरठ मेट्रो का निर्माण तेजी से जारी है और इसके सभी स्टेशन आकार ले रहे हैं। ये देश में पहली बार है कि नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो, दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के ही बुनियादी ढांचे पर चलेंगी।

इसके लिए एनसीआरटीसी ने वैश्विक रेल परिवहन में अग्रणी प्रयास करते हुए लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) पर हाइब्रिड लेवल-3 के साथ यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ईटीसीएस) लेवल 2 की सिग्नलिंग प्रणाली अपनायी है। ये मेरठ के भीतर आरआरटीएस और मेट्रो सेवाओं को निर्बाध रूप से एकीकृत करेगा और जनता को बेहतरीन सेवाएँ प्रदान करेगा।

मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट की विशेषताएं

मेरठ मेट्रो के डिज़ाइन में एक बेहद आकर्षक आधुनिक सौंदर्यबोध शामिल किया गया है। इसमें यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें आरामदायक बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा और नए जमाने के यात्रियों के लिए आवश्यक अन्य कई सुविधाएं शामिल हैं।

• मेरठ मेट्रो 3 – कार से मिलकर बनेगी। इसमें एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2×2 ट्रांसवर्स और लंबवत (लांगिट्यूडनली) बैठने की व्यवस्था होगी। एक ट्रेन मे 700 से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे।

• मेरठ मेट्रो के ट्रेन अत्याधुनिक हल्के वजन और स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं।

• आरामदायक खड़े होने की जगह, सामान रखने के रैक, सीसीटीवी कैमरे, डायनामिक रूट मैप्स, इंफोटेनमेंट सिस्टम, रोशनी-आधारित स्वनियंत्रित प्रकाश व्यवस्था और अन्य सुविधाएं।

• मेरठ मेट्रो में भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने की बेहतर व्यवस्था होगी। सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के साथ मेट्रो संचालन को जोड़ा जाएगा, ताकि सुरक्षा का पूरा पालन हो सके।

• ऊर्जा खपत में कमी के लिए ट्रेनों के दरवाजों में पुश बटन का प्रयोग किया गया है, जिसकी मदद से सिर्फ वही दरवाजे खुलेंगे जहां पुश बटन को दबाया जाएगा। इसके साथ ही आपातकालीन निकास उपकरण, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा सिस्टम को एकीकृत किया गया है।

• आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए ट्रेन में जगह की व्यवस्था, व्हील चेयर के लिए भी स्थान।

मेरठ मेट्रो के स्टेशन हैं- मेरठ साउथ (एलिवेटेड), परतापुर (एलिवेटेड), रिठानी (एलिवेटेड), शताब्दी नगर (एलिवेटेड), ब्रह्मपुरी (एलिवेटेड), मेरठ सेंट्रल (भूमिगत), भैसाली (भूमिगत), बेगमपुल (भूमिगत), एमईएस कॉलोनी (एलिवेटेड), दौरली (एलिवेटेड), मेरठ नॉर्थ (एलिवेटेड), मोदीपुरम (एलिवेटेड), और मोदीपुरम डिपो (धरातल पर)।

मेरठ में मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर आरआरटीएस के साथ मेट्रो सेवाएँ उपलब्ध होंगी, जहां पर लोग अपनी सुविधानुसार ट्रेन आगे जाने के लिए अपनी ट्रेन बदल सकेंगे। मेरठ के अन्य स्टेशनों पर सिर्फ मेट्रो सेवाएँ उपलब्ध होंगी।

मेरठ मेट्रो का निर्माण तेजी से चल रहा है। सभी स्टेशन तेजी से आकार ले रहे हैं। भूमिगत टनल का निर्माण भी पहले ही पूर्ण कर लिया गया है। सभी भूमिगत स्टेशनों पर फिनिशिंग का कार्य प्रगति पर है। पहले से तैयार टनल और वायाडक्ट पर ट्रैक बिछाने की गतिविधियां भी तेजी से चल रही हैं। कुल 18 किमी लंबे एलिवेटेड सेक्शन में से लगभग 12 किमी के हिस्से में में वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है। बाकी भाग में वायाडक्ट निर्माण में तेजी लाने के लिए 10 से अधिक लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) दिन-रात कार्य कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने 20 अक्टूबर, 2023 को भारत की पहली नमो भारत ट्रेन सेवा का उद्घाटन किया और हरी झंडी दिखाकर साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन को जनता को सौंपा।

प्रायोरिटी सेक्शन से आगे दुहाई से मोदीनगर नॉर्थ स्टेशन के बीच लगभग 17 किमी लंबा सेक्शन आरआरटीएस कॉरिडोर का अगला संचालन खंड है, जिसे जनता के लिए जल्द आरंभ किया जाएगा। इस सेक्शन में कुल 3 स्टेशन मुराद नगर, मोदी नगर दक्षिण और मोदी नगर उत्तर शामिल हैं। वर्तमान में इस सेक्शन में नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल रन जारी है और ट्रेनों का संचालन जल्द आरंभ करने की तैयारियां जारी हैं।

दिल्ली से मेरठ तक पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण तेजी से चल रहा है और सम्पूर्ण कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन जून 2025 में निर्धारित समयसीमा से पहले ही आरंभ किया जा सकता है।

Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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