मेरठ जेल में IPL की तर्ज पर JPL, जेल प्रीमियर लीग
मेरठ : क्रिकेट का बुखार जेल के कैदियों और बंदी रक्षको पर भी चढ़ गया है। देश में क्रिकेट को लेकर खुमार लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। आईपीएल की तर्ज पर मेरठ जेल में भी जेपीएल यानी जेल प्रीमियर लीग का आयोजन किया गया। जेल प्रीमियर लीग में मुकदमों में बंद और बंदी रक्षक इस क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। अपराध की दुनिया में शरीक रहने वाले लोग भी खेल के मैदान में अपने करतब दिखा रहे हैं। मेरठ के चौधरी चरण सिंह कारागार में बंदी और बंदी रक्षक के बीच कई टीमें बनायी गयी। इन खेलों का उद्देश्य बंदियों को अवसाद से बाहर लाना और अपराधों से मुक्त करना है। जिसमें आम खिलाड़ी नहीं बल्कि बंदी और बंदी रक्षक शामिल हुए।
मेरठ मैं शुरू हुआ जेल प्रीमीयर लीग यह पांचवा जेल प्रीमियर लीग 2017 से शुरू हुआ। 7 टीमें इसमें भाग लेंगे, 47 टोटल मैच होंगे । यह बंदियों के मनोरंजन के लिए जेल प्रीमियर लीग शुरू की गई है और इसमें सिर्फ बंदी ही खेलेंगे। इसमें ना कोई स्टाफ ना कोई बाहर की टीम खेलेगी। पहले जो चार JPL हुए थे, उसमें अधिकारियों की भी टीम खेला करती थी, लेकिन इस बार स्टाफ कम होने की वजह से जेल की तरफ से कोई खिलाड़ी नहीं खेलेगा।
जेल अधीक्षक की मानें, तो इस तरह के आयोजन बंदियों को अवसाद से निकालने में मदद करेंगे। जेल में अब विभिन्न प्रकार प्रकार के आयोजन भी होते रहते हैं जैसे शनिवार और मंगलवार को सुंदरकांड, कभी भागवत कथा, कभी कवि सम्मेलन का आयोजन और कभी कबड्डी ।इस तरीके के आयोजन से बंदियों के ऊपर मानसिक दबाव कम होता है। कभी चाकू और बंदूक का इस्तेमाल अपराधिक वारदातों को अंजाम देकर जेल तक पहुंचने वाले बंदियों ने आज बैट और बॉल थामा है उन्होंने आशा जताई कि जेल से निकलने के बाद यह लोग अपने भविष्य को सुधारने के लिए कुछ अच्छा भी कर सकेंगे।