
नोएडा: समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और उत्तर प्रदेश में एक उल्लेखनीय अपराधी अतीक अहमद की 15 अप्रैल, 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब पुलिस उन्हें उनके भाई अशरफ अहमद के साथ मेडिकल के लिए ले जा रही थी। अतीक अहमद को पांच बार इलाहाबाद पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में चुना गया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश की फूलपुर सीट से 2004 के लोकसभा चुनाव भी जीते थे। अतीक अहमद को एक लंबे आपराधिक रिकॉर्ड के लिए जाना जाता था, जिसमें हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक योजना सहित लगभग 70 साक्ष्य शामिल थे।

अतीक अहमद 2005 में बसपा विधायक राजू की हत्या से जुड़ा था, जिसके लिए उसे बाद में पकड़ लिया गया और जेल में डाल दिया गया। वह अन्य अपराधों से भी जुड़ा था। सलाखों में बंद अतीक़ अहमद का सियासी रसूख़ किसी से छिपा नहीं है। हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, रंगदारी जैसे क़रीब सौ से अधिक संगीन आरोपों में अभियुक्त अतीक़ अहमद पाँच बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। 1989 से अपना राजनीतिक सफ़र शुरू करने वाले अतीक़ अहमद बसपा, अपना दल और सपा में रह चुके हैं। अतीक़ देश उन नेताओं में से एक हैं जो अपराध की दुनिया से निकलकर राजनीति की गलियों में आए. हालांकि, राजनीति में भी उनकी बाहुबली वाली छवि बनी रही और वो गाहे-बगाहे सुर्ख़ियों में रहे।
अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को श्रावस्ती में हुआ था। इसके पिता का नाम फ़िरोज़ अहमद है। अतीक अहमद के परिवार की बात करें तो पत्नी शाइस्ता परवीन, बड़ा बेटा उमर, दूसरा बेटा अली,तीसरा बेटा असद चौथा बेटा अहज़म और पांचवा अबान है। फ़िरोज़ अहमद रोजी-रोटी के लिए इलाहाबाद यानी प्रयागराज आ गए और यहां तांगा चलाने लगा। फ़िरोज़ अहमद अपने बेटे अतीक अहमद को पढ़ा लिखा कर बड़ा और अच्छा इंसान बनाना चाहते थे लेकिन अतीक का पढ़ाई में मन नही लगा। अतीक कम उम्र में ही अपराध की दुनिया मे कदम बढ़ाने लगा और 1979 में महज़ सत्रह साल की उम्र में अतीक पर कत्ल का पहला इल्जाम लगा,धीरे धीरे अतीक अपराध और जरायम की दुनिया का बादशाह बन गया।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद तो जैसे सबकुछ बदलने लगा। इसी दौरान एक व्यापारी की किडनैंपिंग और जेल में उसकी पिटाई का वीडियो वायरल हुआ और इस मामले में अतीक अहमद का नाम सामने आया और फिर गिरफ्तारी हुई। सुप्रीम कोर्ट आदेश पर उत्तर प्रदेश से बाहर उन्हें गुजरात की साबरमती जेल में भेजा गया और तब से इलाहाबाद के इस बाहुबली नेता को गुजरात की साबरमी जेल में ही बंद किया गया था।