Ghaziabad

संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा, मांगों को लेकर सरकार को चेताया

गाजियाबाद : संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में देशव्यापी आह्वान से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के दिशा निर्देश पर एक ज्ञापन भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नाम प्रत्येक कलेक्ट्रेट से भेजा गया।
किसानों ने ज्ञापन को हक पत्र का नाम दिया गया है। जहां किसानों के आंदोलन को व्यक्तिगत नजरिए से देखा जा रहा है नहीं किसानों का यह पत्र देशवासियों के हक में अपनी आवाज बुलंद करता प्रतीत हो रहा है।

जिसमें अपना हक जताते हुए लिखा गया है। मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण रखें भोजन दवाओं कृषि इनपुट और मशीनरी जैसी आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी हटाए। पेट्रोलियम उत्पादन और रसोई गैस पर केंद्रीय उत्पादन में सस्ती करने की सलाह दी गई है वहीं वरिष्ठ नागरिकों महिलाओं दिव्यांग व्यक्तियों खिलाड़ियों को रेलवे द्वारा कोविड के बहाने वापस ली गई रियायतें बहाल किए जाने की शर्त से आम नागरिकों को भी फायदा पहुंचेगा। खाद्य सुरक्षा की गारंटी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए। सभी के लिए मुफ्त शिक्षा स्वास्थ्य है पानी और स्वच्छता के अधिकार की गारंटी तथा नई शिक्षा नीति को रद्द करने की वकालत की गई है। सभी के लिए आवास सुनिश्चित किया जाए। वन अधिकार अधिनियम में संशोधन तो दूसरी तरफ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्दयमों सरकारी विभागों का निजीकरण बंद करें और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाईप लाइनों को खत्म करें।

खनिजों और धातुओं के खनन पर मौजूदा कानून में संशोधन करें और स्थानीय समुदायों विशेष कर आदिवासियों और किसानों के उत्थान के लिए कोयला खदानों सहित कोयला खदानों का लाभ का 50% हिस्सा सुनिश्चित करें। बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लिया जाए कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं होगा। काम के अधिकार को मौलिक बनाया जाए। स्वीकृत पदों को भरें और बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करें। मनरेगा का विस्तार और कार्यान्वयन तथा शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम बनाएं।

किसानों को बीज उर्वरक और बिजली पर सब्सिडी बढ़ाया जाए। किसानों की उपज के लिए एमएसपी C2 प्लस 50 की गारंटी तथा खरीद की गारंटी दी जाए तथा साथ ही किसानों की आत्महत्याओं को हर कीमत पर रोका जाए।

कॉर्पोरेट समर्थक पीएम फसल बीमा योजना को वापस लें और जलवायु परिवर्तन सूखा बाढ़ फसल संबंधी बीमारियों आदि के कारण किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सभी फैसलों के लिए व्यापक सार्वजनिक क्षेत्र की फसल बीमा योजना स्थापित करें तथा सभी कृषक परिवारों को कर्ज के जाल से मुक्त करने के लिए व्यापक ऋण माफी योजना की घोषणा की जाए। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लिखित आश्वासनों को लागू करें , जिनके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष को निलंबित कर दिया गया था तथा इस दौरान शहीद हुए किसानों के लिए सिंधु सीमा पर स्मारक बनाए एवं उन्हें मुआवजा दिया जाए साथ ही उनके परिवारों का पुनर्वास किया जाए।

गाजियाबाद में सैकड़ो की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर जिला अध्यक्ष विजेंद्र सिंह के नेतृत्व में 11:00 बजे से कलेक्टर पहुंचने शुरू हो गए तथा बाद में 2:00 बजे तक आते रहे। जानकारी मिली कि कुछ नेताओं को नजरबंद किया गया था। जो चकमा देकर तो कुछ बलपूर्वक साथियों सहित कलेक्ट्रेट पहुंचे। जिले के गांवों से शहर में कलेक्ट्रेट आने वाली हर बड़ी सड़कों पर किसानों को पुलिस प्रशासन द्वारा जगह जगह रोका गया था। जो कि खेतों की रास्तों से गुजरते हुए पुलिस को चकमा देकर कलेक्ट्रेट तक पहुंचे ।

राष्ट्रीय प्रेस प्रभारी शमशेर राणा , दीनू प्रधान , नरेश मुखिया , राम अवतार त्यागी , कुलदीप त्यागी , विनीत चौधरी , सुरेश , नरेंद्र सिंह , रणधीर सिंह , वेदपाल मुखिया आदि सैंकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।

Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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