Ghaziabad

6 सितंबर को रखा जाएगा जन्माष्टमी का व्रत, 22:57 बजे होगा चंद्रोदय

गाजियाबाद: शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद के आचार्य शिवकुमार शर्मा के अनुसार इस वर्ष जन्माष्टमी का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन कई ऐसे शुभ योग बन रहे हैं जो भगवान कृष्ण के जन्म समय पर बने थे।

जब भगवान कृष्ण जी का धरती पर अवतरण हुआ था, उस समय भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि ,दिन बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा वृष राशि में अपनी उच्च राशि में स्थित थे। इस वर्ष भी बिल्कुल वैसे ही योग 6 सितंबर को बन रहे हैं।

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6 सितंबर को दोपहर बाद 15:37 बजे अष्टमी तिथि आ जाएगी। प्रातः 9:19 बजे के बाद रोहिणी नक्षत्र जाएगा।

दिन बुधवार है और भगवान कृष्ण के जन्म के समय रात्रि 22:57 बजे से मध्य रात्रि 12:00 बजे के बाद तक वृषभ राशि में उच्च के चंद्रमा रहेंगे। इसलिए 6 सितंबर को ही जन्माष्टमी का व्रत रखना अभीष्ट फलदायक होगा।

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जन्माष्टमी के व्रत का दो विधान है स्मार्त मत और वैष्णव मत
स्मार्त का अर्थ होता है गृहस्थी लोग, आप और हम जन्माष्टमी का व्रत 6 तारीख को रखेंगे और जो वैष्णव पंत के अनुयायी होते हैं जो भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन साधु संत हैं वे नवमी को भगवान का जन्मदिन मनाते हैं। ऐसा हर वर्ष होता है।
स्मार्त मतावलंबियों की जन्माष्टमी 6 सितंबर को है और वैष्णव व बल्लभ पंथ मानने वालों की जन्माष्टमी 7 सितम्बर को है।

रात्रि को 22:57 बजे चंद्र उदय होंगे। उसे समय भगवान का प्राकट्योत्सव मनाना शुरू हो जाएगा जो रात्रि 12:00 बजे के बाद तक चलेगा।

अपनी अपनी परंपराओं के अनुसार भक्त भगवान को पंचामृत से स्नान कराएंगे, नए-नए वस्त्र पहनाएंगे और उनको झूला झुलायेंगे‌। ऐसा अपने मत संप्रदाय के अनुसार करना चाहिए।

आचार्य शिवकुमार शर्मा,

आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य, गाजियाबाद

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Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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