राजनगर एक्सटेंशन में ‘योग संगम’: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर गौर कैस्केड्स सेन्टरपार्क व स्प्रिंग डेल पब्लिक स्कूल बना योग और स्वास्थ्य का केंद्र

✍️ लोकल पोस्ट संवाददाता | राजनगर एक्सटेंशन, गाजियाबाद | 21 जून 2025
राजनगर एक्सटेंशन की गौर कैस्केड्स सोसाइटी में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” को आत्मसात करते हुए एक भव्य और प्रेरणादायक आयोजन ‘योग संगम’ के रूप में किया गया। यह आयोजन न केवल योगाभ्यास तक सीमित रहा, बल्कि इसमें भाग लेने वाले सभी लोगों ने यह महसूस किया कि योग जीवन का मार्गदर्शक बन सकता है – न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक शांति और सामाजिक समरसता के लिए भी।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर वर्ष 21 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में मान्यता प्राप्त एक वैश्विक पहल है, जिसकी नींव भारत ने रखी थी। योग, जो भारत की प्राचीनतम और सबसे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है, आज पूरे विश्व को स्वास्थ्य, एकता और संतुलन का संदेश दे रहा है। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” विशेष रूप से इस बात को रेखांकित करती है कि पृथ्वी पर सभी जीवों के लिए स्वास्थ्य और संतुलन आवश्यक है और इसका सबसे सशक्त माध्यम योग हो सकता है।
गौर कैस्केड्स में आयोजित योग संगम इसी वैश्विक संदेश को स्थानीय स्तर पर मूर्त रूप देने का प्रयास था। आयोजन स्थल सोसाइटी का सेन्टर पार्क और स्प्रिंग डेल स्कूल परिसर रहा, जिसे विशेष रूप से सजाया गया था। कार्यक्रम में सोसाइटी के सैकड़ों निवासियों ने भाग लिया, जिनमें महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और युवाओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। विशेष बात यह रही कि इस आयोजन में महिलाओं की भागीदारी अत्यधिक सराहनीय रही, जिन्होंने पूरे जोश और उत्साह के साथ योगाभ्यास किया।
नव निर्वाचित बोर्ड सदस्य अनुज कुमार राठी ने बताया कि योग संगम केवल एक स्वास्थ्य आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक अभियान है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग से वंचित न रहे और हर व्यक्ति इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाए। उन्होंने कहा कि योग हमारी संस्कृति की पहचान है और यह आत्मा और शरीर के बीच संतुलन बनाने का सबसे सहज साधन है।


योग प्रशिक्षक प्रियंका गौर ने प्रतिभागियों को योग के महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि योग विद्या भारत के स्वर्ण युग की आत्मा रही है और यह हमें जीवन की चुनौतियों से जूझने की मानसिक शक्ति और आत्मिक संतुलन प्रदान करता है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे योग जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों, तनाव, महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक संकटों से लड़ने में सहायक हो सकता है।
बोर्ड सदस्य इति सिंघल और निधि शर्मा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की साझी विरासत बन चुका है। यह वसुधैव कुटुंबकम – ‘पूरा संसार एक परिवार है’, की भावना को सशक्त करता है और समस्त मानवता को जोड़ने का कार्य करता है।
सोसाइटी निवासी नवनीत नैन ने कहा कि योग न केवल शारीरिक व्याधियों के उपचार में बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी संतुलन लाने में सहायक है। उन्होंने यह भी बताया कि माइग्रेन, पोस्ट हार्ट-अटैक रिकवरी और महिला स्वास्थ्य में योग की भूमिका अत्यंत प्रभावशाली रही है।

इस आयोजन में संध्या, ऋचा, शिखा, बीना, दीपिका, संतोष, द्रौपदी, पूजा, रजनी त्यागी आदि अनेक महिलाओं के साथ संजीव, सचिन, विशाल, अनुज शर्मा जैसे पुरुष प्रतिभागियों, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि योग से जुड़ना केवल शरीर के लिए नहीं, आत्मा के लिए भी पोषण जैसा है।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक ध्यान सत्र और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें यह संकल्प लिया गया कि सोसाइटी स्तर पर योग और स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे आयोजनों को नियमित किया जाएगा। गौर कैस्केड्स का यह योग संगम न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह एक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में बढ़ाया गया सार्थक कदम बन गया।