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दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर 11 सदस्यीय कमेटी गठित करने का फैसला ; सिख बुद्धिजीवियों के साथ मीटिंग में लिया गया निर्णय

  • 11 सदस्यीय कमेटी सिखों की मांगों व आपत्तियों पर ड्राफ्ट तैयार करेगी: हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलों
  • यू.सी.सी ड्राफ्ट सामने आने के बाद ही अगली राय बनाएंगे: कालका, काहलों

नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा अध्यक्ष स. हरमीत सिंह कालका व महासचिव जगदीप सिंह काहलों के नेतृत्व में समान नागरिक संहिता के मामले पर बुलाई गई सिख बुद्धिजीवियों की विशाल बैठक में आज इस मामले पर सिखों की मांगों व आपत्तियों पर मसौदा तैयार करते हेतु 11 सदस्यीय कमेटी गठित करने का फैसला लिया गया।

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सरदार हरमीत सिंह कालका और सरदार जगदीप सिंह काहलों ने बताया कि बैठक में 13 राज्यों के सिख प्रतिनिधियों व पूर्व न्यायाधीशों, पूर्व बैंक चेयरमैन और अन्य बुद्धिजीवियों ने भी भाग लिया। उन्होंने बताया कि बैठक में यह फैसला लिया गया है कि अभी तक कानून का मसौदा सामने नहीं आया है इसलिए बिना किसी मसौदे के किसी भी बात का विरोध करना अनुचित है। यू.सी.सी का ड्राफ्ट सामने आने व उसका अध्ययन करने के बाद इस मामले में सिखों की मांगों व आपत्तियों का एक खाका 11 सदस्यीय कमेटी द्वारा तैयार किया जाएगा जिसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल कानून मंत्री के साथ मुलाकात कर इस संबंध में चर्चा करेगा व उन्हें कौम की आम राय से परिचित करवाएगा।

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पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कालका व काहलों ने कहा कि जिस चीज का मसौदा पेश नहीं हुआ, उसे पढ़े बिना आपत्ति कैसे दर्ज की जा सकती है। जो राजनीतिक लोग इसका विरोध कर रहे है वह उनकी निजी राय हो सकती है दिल्ली कमेटी धार्मिक संस्था है जिसे पूरे मामले पर स्टैंड लेना है पर सर्वप्रथम मसौदा सामने आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हर राज्य में लोगों की अपनी मजबूरियां और अधिकार हैं, जिनका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर हमारे ऊपर कोई भी राजनीति थोपी जाएगी तो हम इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि आज की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यूसीसी के अलावा सिख समुदाय के सामने जो भी मुद्दे हैं, दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी उनकी पैरवी करे व सिख प्रतिनिधियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करते हुए सिखों के सभी मसले हल करवाए।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सरदार कालका और सरदार काहलों ने कहा कि कॉमन सिविल कोड पर बैठक बुलाने की जिम्मेदारी शिरोमणि कमेटी की बनती थी। शिरोमणि कमेटी को बैठक बुलानी चाहिए थी जिसमें दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी, हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी को भी निमंत्रण दिया जाता तथा सर्वसम्मिति के साथ आम राय कायम की जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया , हमारे द्वारा बुलाई गई मीटिंग को काफी समर्थन मिला है और 13 राज्यों से सर्वोच्च पदों पर रह कर सिखों की नुमाईंदगी करने वाले प्रतिनिधि शामिल हुए हैं जिन्होंने कौम के मुद्दों पर चर्चा की और सर्वसम्मति से निर्णय लिए।

इस बैठक में अन्यों के अलावा रविंदर सिंह आहूजा प्रेस सिख फोरम, तरलोचन सिंह पूर्व सांसद, आत्मा सिंह लुबाना उपाध्यक्ष दिल्ली कमेटी, डॉ. महेंद्र सिंह, जसविंदर सिंह प्रिंसिपल एसजीटीबी खालसा कॉलेज, जतिंदरबीर सिंह प्रिंसिपल गुरु गोबिंद सिंह कालेज आफ कामर्स पीतमपुरा, सुखबीर सिंह कालरा सदस्य दिल्ली कमेटी, सुरिंदर सिंह जोधका, अमरजीत सिंह नारंग, मंजीत सिंह नागर, जतिंदर सिंह चीमा, जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल पूर्व अध्यक्ष हरियाणा कमेटी, एयर मार्शल पीएस भंगू, सतनाम सिंह अहलूवालिया, नरिन्द्रजीत सिंह बिंद्रा, जसबीर सिंह जयपुर, अजयपाल सिंह जयपुर, कुलदीप सिंह बग्गा हैदराबाद, एसपी सिंह गाज़ियाबाद, परविंदर सिंह लखनऊ और गुरदीप सिंह सहोता देहरादून के अलावा अन्य गणमान्य शख्सियतें शामिल थीं।

Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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