Ghaziabad

जीजा ने ही पारिवारिक प्रॉपर्टी विवाद के चलते अधिवक्ता की कराई हत्या; तीन लोग गिरफ्तार 

गाजियाबाद: तहसील परिसर के चेंबर में ही दिनदहाड़े अधिवक्ता मोनू उर्फ मनोज चौधरी की हत्या करने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अधिवक्ता की हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका सगा जीजा एवं जीजा का भाई और एक दोस्त शामिल था। हत्या का कारण पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है।

अधिवक्ता मोनू उर्फ मनोज चौधरी की हत्या कांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल कंट्रीमेड पिस्टल और दो गाड़ी भी बरामद की हैं।इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि बुधवार को दोपहर के वक्त तहसील परिसर के अंदर चेंबर नंबर 95 में अधिवक्ता मोनू उर्फ मनोज चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक की पत्नी कविता चौधरी के द्वारा थाना सिहानी गेट में नामजद तहरीर दी थी।  पुलिस ने इस पूरे मामले की गहन जांच शुरू की और इस हत्याकांड में मृतक मोनू उर्फ मनोज चौधरी के जीजा अमित डागर पुत्र मदन सिंह एवं उसका छोटा भाई नितिन डागर पुत्र मदन सिंह और उनका एक दोस्त अनुज उर्फ पालू पुत्र वेदपाल का नाम सामने आया। उन्होंने बताया कि तीनों को ही गहन जांच के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस द्वारा की गई पूछताछ और तमाम जांच में पता चला कि मोनू चौधरी के जीजा उसका भाई और उसका एक अन्य दोस्त इन्होंने योजनाबद्ध तरीके से इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। अमित डागर अपने पिता के नाम पर जो ब्रेजा गाड़ी थी उसे लेकर तहसील परिसर पहुंचा। अमित डागर और उसका दोस्त बाहर रहे जबकि नितिन डागर मनोज चौधरी के चेंबर में गया। इसके बाद कंट्रीमेड पिस्टल से मोनू चौधरी की कनपटी पर गोली मारकर वह फरार हो गया।

पुलिस ने इनके कब्जे से वह हथियार भी बरामद कर लिया गया है जिससे मोनू उर्फ मनोज चौधरी की हत्या की गई थी। इसके अलावा जिस गाड़ी से वह हत्या करने आए थे, वह गाड़ी और हत्या के बाद जिस गाड़ी में घूम रहे थे, उसे गाड़ी को भी बरामद किया गया है।

उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि मोनू चौधरी की बड़ी बहन है सरिता चौधरी। इनकी शादी 2002 में अमित डागर से हुई थी। अमित डागर भी नोएडा में अधिवक्ता है। उसके छोटे भाई नितिन डागर का चैम्बर इसी तहसील परिसर में है। अमित का एक बेटा और एक बेटी भी है। अमित ने अपनी पत्नी के नाम 2 प्रॉपर्टी 2012 और 2016 भी कराई थी। लेकिन अचानक ही पति-पत्नी में कुछ विवाद होने लगा और सरिता चौधरी अपनी बेटी के साथ अपने मायके में रहने लगी।जबकि बेटा अमित डागर के साथ ही रहता है। उसे प्रॉपर्टी को सरिता चौधरी और उनका भाई मनोज चौधरी बेचना चाह रहे थे। लेकिन इसका विरोध अमित डागर की तरफ से किया गया। इसके अलावा अमित डगर रक्षाबंधन पर अपनी बेटी को अपने घर ले जाना चाहता था। इन बातों को लेकर आपस में विवाद चल रहा था, और मौका पाते ही बुधवार को दोपहर करीब 2 बजे यह लोग तहसील परिसर पहुंचे और मनोज चौधरी की गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई।

मनोज चौधरी के पिताजी भी यू पी पुलिस में तैनात थे। वह गाजियाबाद में भी रहे हैं। उनके देहांत के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी मनोज चौधरी पर ही आ गई थी और फिलहाल अपनी बहनों की देखभाल मनोज चौधरी ही कर रहे थे।

Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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