गाज़ियाबाद: इंदिरापुरम के अभय खंड-3 में रहने वाले 31 साल के मेजर सैयद अब्दुल काजिम जैदी की गुरुवार सुबह दिल्ली के एक हॉस्पिटल में डेंगू के इलाज के दौरान मौत हो गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ही उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। परिवार के लोगों का कहना है कि मेजर सैयद अब्दुल काजिम जैदी जब छुट्टियों पर घर आए थे, इसी दौरान उन्हें यहां डेंगू हो गया था। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इस मामले को गाजियाबाद का होने से इंकार कर रहा है। विभाग का कहना है कि मेजर की ट्रेवल हिस्ट्री है, ऐसे में जरूर उन्हें लद्दाख में ही डेंगू हुआ होगा। इलाज करवाने के लिए वह अपने घर आए होंगे ।उधर माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है, उन्होंने सोचा भी नहीं था कि जिस बेटे को देश की सेवा के लिए तैयार किया था उसे डेंगू लील लेगा।
26 अक्टूबर को मेजर छुट्टी पर घर आये थे मेजर सैयद अब्दुल काजिम जैदी
लद्दाख में सर्विलांस एंड टारगेट एक्विजिशन साटा 129 रेजिमेंट में तैनात मेजर सैयद अब्दुल कासिम जैदी 26 अक्टूबर को छुट्टी पर घर आए थे। उनके मामा माजिद ने बताया कि उन्हें 31 को बुखार आया, सबसे पहले इलाज के लिए हिंडन एयरबेस में गए। बुखार न उतरने के कारण ब्लड टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई इसके बाद एयरबेस हॉस्पिटल में हालत खराब होने पर उन्हें दिल्ली के हॉस्पिटल में रेफर किया गया। वह लंबे समय तक वेंटिलेटर पर थे,जहां गुरुवार सुबह 9:30 बजे उनकी मौत हो गई है ।
नोएडा सेक्टर 94 में गुरुवार को ही उन्हें पूरे सैनिक सम्मान के साथ सुपुर्द ए खाक किया गया । मेजर सैयद अब्दुल कासिम जैदी की शादी को इस साल दिसंबर में 4 साल हो जाते ।उनकी पत्नी नीदरलैंड में रिसर्च कर रही है, पिता दिलदरा अली वोल्टास कंपनी में और छोटा भाई अमेजॉन में प्रतिष्ठित पद पर तैनात है। मां फिरदोस फातिमा एक ग्रहणी हैं। मेजर 2015 में कमीशंड हुए थे। इसी साल उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की परीक्षा पास की थी। 7 साल से वह सेना में तैनात थे लद्दाख से पहले जम्मू में उनकी पोस्टिंग थी।