दिल्ली- मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर का काम काफी तेज गति से चल रहा है। मेरठ शहर के बीचो-बीच भूमिगत बनाए जा रहे भैंसाली स्टेशन की लांचिंग शाफ़्ट के सबसे निचले तल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके अंतर्गत लगभग 40 मीटर लम्बे व 35 मीटर चौड़े तल के विशाल स्लैब की कास्टिंग की जा रही है। निचले तल या स्लैब की कास्टिंग के लिए एक मीटर की मोटाई के रिइंफोर्स्मेंट केज (लोहे के जाल) को स्टेशन के डी वाल के सहारे स्थापित कर उसकी कंक्रीटिंग की जा रही है। निचले स्लैब की कास्टिंग के साथ ही यह स्टेशन अब आकार लेने लगा है।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के 82 किमी लंबे आरआरटीएस कॉरीडोर में कुल 25 स्टेशन है, जिसमे से 13 स्टेशन मेरठ में होंगे। शहर के बीचो-बीच भूमिगत भैंसाली स्टेशन का निमाण किया जा रहा है। इसके लिए 128 डी वाल पैनलों को 25 मीटर की गहराई तक (लगभग 7 मंजिल के बराबर) भूमिगत डाला जा रहा है। स्टेशन के डी वाल के निर्माण का यह कार्य लगभग 95% तक पूर्ण हो चूका है। इसके साथ ही स्टेशन के ऊपरी छत का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। निचले स्लैब की कास्टिंग के साथ ही यह स्टेशन अब आकार लेने लगा है। भैंसाली का भूमिगत स्टेशन लगभग 258 मीटर लंबा और 32 मीटर चौड़ा है। भैंसाली के भूमिगत स्टेशन के निर्माण कार्य के लिए टॉप डाउन तकनीक प्रणाली अपनायी जा रही है। इसके अनुसार ऊपरी छत के निर्माण कार्य के बाद नीचे की मिट्टी आदि निकाल कर स्टेशन के अन्य लेवल का निर्माण किया जाता है। भूमिगत स्टेशन में प्रवेश/निकास के तल के अलावा कॉनकोर्स लेवल और प्लैटफ़ार्म लेवेल होता है। कॉनकोर्स लेवल वो लेवेल होता है जहाँ यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच, किओस्क और टिकट काउंटर के अलावा प्लेटफार्म लेवल पर जाने के लिए एएफ़सी (ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन) गेट आदि होते हैं। साथ ही अन्य यात्री केंद्रित सुविधाएं जैसे आधुनिक सूचना डिस्प्ले बोर्ड (औडियो-वीडियो सहित), स्टेशन के आसपास के प्रमुख स्थान दर्शाने वाले सिस्टम मैप, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशामक प्रणाली और वॉशरूम आदि जैसी सुविधाएँ शामिल होती है। इसी लेवेल से यात्री सीढ़ियो, लिफ्ट या एस्कलेटर की मदद से प्लैटफ़ार्म लेवेल पर जाकर अपने गंतव्य स्थान के लिए ट्रेन ले सकते हैं।
एनसीआरटीसी आरआरटीएस कॉरिडोर के इनफ्रास्ट्रक्चर पर ही मेरठ में मेरठ मेट्रो की लोकल ट्रांसिट सेवा प्रदान करने जा रहा है। भैंसाली स्टेशन का निर्माण इसी कार्ययोजना का अंग है जिससे स्थानीय निवसियों को मेरठ मेट्रो की लोकल सेवा के साथ साथ सम्पूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मे आरआरटीएस कॉरिडॉर के द्वारा कहीं भी आने जाने की सुविधा मिलेगी। इस कॉरीडोर में कुल 25 स्टेशन है जिसमे से 13 स्टेशन मेरठ में होंगे। जिनके द्वारा मेरठ में लोकल मेट्रो की ट्रांसिट सेवा स्थानीय निवासियों को मिल सकेगी। मेरठ साउथ स्टेशन से लोकल मेट्रो की सेवा प्रारम्भ होगी और परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी के एलिवेटेड भाग से आगे भैंसाली, मेरठ सेंट्रल और बेगमपुल में भूमिगत हो जाएगी। आगे यह पुनः एलिवेटेड होकर एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ व मोदीपुरम होते हुए मोदीपुरम डिपो तक जाएगी जहां मोदीपुरम डिपो में ट्रेनों के रखरखाव का प्रबंध किया जाना है।भूमिगत हिस्से में टनल बोरिंग मशीन (सुदर्शन) द्वारा आरआरटीएस टनल के निर्माण के लिए लॉन्चिंग शाफ़्ट का निर्माण किया जा रहा है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्राथमिकता वाले खंड को 2023 तक और 2025 तक पूर्ण कॉरिडोर को शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।