नीति का ‘समाधान’ है जरूरतमंदों का कानूनी हथियार
गाज़ियाबाद : ‘कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, अपनी सेहत से पत्थर फेंको दोस्त..’ शिप्रा सनसिटी निवासी प्रोफेसर नीति सिन्हा पर एक कवि की ये पंक्तियाँ एकदम फिट बैठती हैं। जब उन्होंने अपने दम पर लोगों की मदद करने की कोशिश शुरू की तो अब उनके अभियान में 15 से 20 अधिवक्ताओं की टीम शामिल हो गई। नीति ने समाधान नामक एक संस्था का गठन किया और अब जरूरतमंदों को कानूनी सलाह देने के साथ-साथ उनकी समस्याओं के समाधान के लिए मध्यस्थता भी कर रही है।
मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली नीति ग्रेटर नोएडा के लॉ कॉलेज में प्रोफेसर हैं ।कानूनी तरकीबें जानने के बाद वह तमाम टीवी चैनलों और संस्थानों पर सेमिनार में जाकर लोगों को भारत के संविधान के प्रति जागरूक करती रहती हैं। इस दौरान कई जरूरतमंद लोगों से मुलाकात की और उन्हें कानूनी सलाह देकर उनकी समस्याओं का समाधान किया गया। पिता प्रोफेसर शंभू शरण ठाकुर बिहार सरकार में अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ मंत्री भी रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें बचपन से ही अपने पिता से लोगों की मदद करने का संस्कार मिला। कुछ लोगों की मदद करने के बाद नीति ने महसूस किया कि उन्हें एक संगठन बनाकर लोगों की लगातार मदद करनी चाहिए।
समाधान की तलाश में:
इसके बाद उन्होंने अपने घर से ही समाधान नाम की संस्था शुरू की। समाधान में घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना की शिकार सभी महिलाओं की मदद की। इंदिरापुरम के घरों में काम करने वाली एक महिला की मदद की जिसे उसके पति ने मारने की कोशिश की। उसने न सिर्फ मध्यस्थता कर पति को समझाया, बल्कि अब महिला परिवार के साथ सुखी जीवन बिता रही है। वह अब तक 30 से ज्यादा महिलाओं की मदद कर चुकी हैं।
केस नहीं लड़ना, समझौता है प्राथमिकता :
नीति के पति मुकेश मोहन सिंह सिविल इंजीनियर हैं. उनकी एक बेटी और बेटा है। नीति बताती है कि जब भी उनके घर में बच्चों के बीच कोई छोटा-मोटा विवाद होता तो वह उन्हें बैठाकर समझाती और कुछ ही मिनटों में दोनों का झगड़ा खत्म हो जाता। इससे उन्हें समझ में आया कि समस्या का समाधान केस लड़ने से ज्यादा लोगों को राजी करने में है। ऐसे में उनका लक्ष्य सिर्फ लोगों को कानूनी राय देना ही नहीं बल्कि उनकी समस्याओं को जड़ से खत्म करना भी है।
(This story has not been edited by localpostit.com and is auto–generated from a syndicated feed we subscribe to)