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गुजरात के सावली से देश की प्रथम आरआरटीएस ट्रेन रवाना, जल्द पहुचेगी दुहाई डिपो

मेरठ : भारत के प्रथम आरआरटीएस के प्रथम ट्रेनसेट को गुजरात के सावली से रवाना कर दिया गया है। इस सेमी-हाई-स्पीड एरोडायनामिक आरआरटीएस ट्रेनसेट को एल्सटॉम के फ़ैक्टरी से एक बड़े ट्रेलर पर रख कर भेजा गया है जो लगभग एक हफ्ते के यात्रा के बाद सड़क मार्ग से दुहाई डिपो, गाजियाबाद में पहुचेगी।

आरआरटीएस की इस प्रथम ट्रेन को 7 मई, 2022 को सावली में स्थित मेसर्स एलस्टोम के फ़ैक्टरी में आयोजित एक कार्यक्रम में एनसीआरटीसी को सौंपा गया था। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव एवं एनसीआरटीसी अध्यक्ष श्री मनोज जोशी और एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक श्री विनय कुमार सिंह समेत अनेक एनसीआरटीसी अधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। गाज़ियाबाद का दुहाई डिपो आरआरटीएस की प्रथम ट्रेन के आगमन के लिए तैयार है। इस डिपो में रेल लाइन बिछा दी गई हैं, वर्कशॉप के लिए शेड तैयार किए गए हैं और डिपो में ट्रेन की टेस्टिंग की तैयारी की जा रही है ।

आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए डिपो में प्रशासनिक भवन भी बनाया गया है । आरआरटीएस ट्रेनों के परीक्षण और रखरखाव के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें एक वर्कशॉप और एक आईबीएल लाइन का निर्माण अंतिम चरण में हैं, जबकि बाकी लाइनों का निर्माण पूरा हो चुका है।

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एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस की ट्रेनसेट को बनाने के लिए मेसर्स एलस्टोम के साथ अनुबंध किया है, जिसके अनुसार मेसर्स एलस्टोम, मेरठ मेट्रो के लिए 10 तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेन सहित 40 ट्रेनों की डिलीवरी करेगा। इनमे 30 छ: कोच वाली आरआरटीएस ट्रेने होंगी । ट्रेनों के निर्माण के साथ ही आगामी 15 सालों तक इन ट्रेनों के रखरखाव का जिम्मा भी मेसर्स एलस्टोम का ही होगा।

मेसर्स एलस्टोम ही संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए डिजाइनिंग, आपूर्ति, इन्स्टालिंग, और परीक्षण सहित सिग्नलिंग एवं ट्रेन कंट्रोल की स्थापना, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और दूरसंचार प्रणाली की स्थापना का कार्य कर रहा है।

आरआरटीएस ट्रेनसेट अपने आकर्षक और आधुनिक डिजाइन के साथ रेजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से युक्त हल्के वजन के होंगे और स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी) व स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) से सम्पन्न होंगे। रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम आरआरटीएस ट्रेनों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जो ब्रेक लगाने पर बिजली उत्पन्न करती है और ट्रेन सिस्टम के ओवरहेड ट्रैक्शन के माध्यम से बिजली इलेक्ट्रिक ग्रिड में चली जाती है।

आरआरटीएस ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2×2 ट्रान्सवर्स बैठने की सीट, खड़े होने के लिए चौड़ी जगह, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) समेत अन्य सुविधाएं हैं। वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैण्डर्ड क्लास और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) के साथ-साथ एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा।

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आरआरटीएस अपनी तरह की पहली प्रणाली है जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी, जो दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 55 मिनट में तय करेंगी।

एनसीआरटीसी ने एनसीआर में विभिन्न सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों को निर्बाध रूप से जोड़कर एक विशाल नेटवर्क बनाने की पहल की है। मल्टी-मॉडल-इंटीग्रेशन के साथ, आरआरटीएस स्टेशनों का मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों और बस डिपो के साथ जहां कहीं भी संभव हो, सहज एकीकरण होगा। एक बार चालू होने के बाद, पहले आरआरटीएस कॉरिडोर से प्रति वर्ष वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में 2,50,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड कम होने का अनुमान है। लगभग 8 लाख अपेक्षित दैनिक यात्रियों के साथ, आरआरटीएस सबसे अधिक ऊर्जा कुशल फ्यूचरिस्टिक ट्रांज़िट सिस्टम होगा।

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एनसीआरटीसी इस साल के अंत तक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रायल रन शुरू करने की योजना बना रहा है।

देश की पहली आरआरटीएस ट्रेनसेट की अन्य यात्री केंद्रित विशेषताएं

• लंबी नाक और प्लग-इन-दरवाजे के साथ एयरोडायनेमिक प्रोफ़ाइल, उच्च गति पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए।
• प्रवेश और निकास के लिए यात्रियों के लिए अधिकतम स्थान के लिए चौड़े गलियारे के साथ पूरी तरह से वातानुकूलित कोच। टिंट वाले बड़े खिड़की के शीशे बाहर का मनोरम दृश्य देंगे।
• एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग, ओवरहेड लगेज रैक वाली कुशन वाली सीटें।
• हर ट्रेन में एक ‘प्रीमियम क्लास कार’ जो आरामदेह, सुविधाजनक और यूजर फ्रेंडली होगी जिसमें अधिक लेगरूम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी और वेंडिंग मशीन की सुविधा से सुसज्जित होगी।
• महिलाओं के लिए आरक्षित एक कोच।
• एनर्जी एफिसियेंट, रोशनी-आधारित ऑटो नियंत्रण परिवेश प्रकाश प्रणाली।
• सीसीटीवी निगरानी, आधुनिक पैसेंजर अनाउंसमेंट और डिजिटल पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम (PAPIS)
• वाई-फाई और ऑनबोर्ड इन्फोटेनमेंट
• हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट
• दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह का प्रावधान
• डायनेमिक रूट मैप डिस्प्ले, आपातकालीन संचार सुविधाएं
• इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम
• उन्नत सुरक्षा के लिए उन्नत ETCS स्तर II सिग्नलिंग, स्वचालित ट्रेन संचालन और प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) के साथ संगत
• अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों पर आधारित डिजाइन और निर्माण
• अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षा और खतरे के आकलन के आधार पर उपयुक्त एसआईएल स्तर
• आंतरिक और बाहरी आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम

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Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

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