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गड्ढों में कोई गिरा या मरा, मेरठ और आसपास के जिलों में सो रही व्यवस्था, और लोगों ने खुद भरा मौत का गड्ढा

मेरठ: सड़कों पर गड्ढे होने के कारण वाहनों के पलटने से लगातार हादसे हो रहे हैं। मेरठ में किशोर और शामली में लड़की की मौत हो गई है। सोमवार को पीवीएस मॉल के सामने शास्त्रीनगर के मुख्य मार्ग पर गड्ढे में गिरकर किशोरी की मौत हो गई। मंगलवार को भी नगर निगम ने उस गड्ढे को भरने में तेजी नहीं दिखाई। उसके बाद स्थानीय लोगों ने ही इसे भरा।

व्यवस्था कितनी सो रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सांसद राजेंद्र अग्रवाल घटनास्थल से कुछ दूरी पर रहते हैं और कुछ दूरी पर ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर का आवास भी है। नगर निगम के निर्माण खंड के इंजीनियरों ने मंगलवार दोपहर टीम भेजी। इस गड्ढे को लोग पहले भी भर चुके थे। इसके बाद निगम की टीम ने तेजगढ़ी चौराहे से एल ब्लॉक तिराह तक गड्ढों को भरा। निर्माण खंड के इंजीनियर पदम सिंह का दावा है कि करीब 15 गड्ढे भर दिए गए हैं।

वाहनों के पलटने से लगातार हादसे हो रहे हैं

मेरठ: सड़क पर गड्ढों के कारण वाहनों के पलटने से अक्सर हादसे होते रहते हैं। नेशनल और स्टेट हाईवे पर कई गड्ढे हैं। बारिश से शहर के अंदरूनी रास्ते बंद हो गए हैं। उधर, जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि सभी संबंधित विभागों को सड़कों की मरम्मत व गड्ढों को भरने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ का काम तत्काल शुरू किया जा रहा है, जबकि बारिश रुकने पर कुछ सड़कों पर काम शुरू हो जाएगा। जिले की सभी सड़कों पर निगरानी रखी जा रही है।

शामली में हर सड़क पर गड्ढे और हर साल सौ से ज्यादा जानें जाती हैं

कहने को तो शामली, शामली जिला है, लेकिन यहां की सड़कें गांवों जैसी हैं। अब नेशनल हाईवे हो या स्टेट हाईवे, हर तरफ अनगिनत गड्ढे हैं। सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है, इसका पता नहीं चलता। अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि लगातार हो रहे हादसों के बावजूद सड़कों पर गड्ढे नहीं हो रहे हैं। हर साल सौ से ज्यादा लोग हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं। इनमें से कई दुर्घटनाएं जर्जर सड़कों के कारण हो रही हैं।

बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा, एक महीने के दौरान 22 से ज्यादा मौतें

सहारनपुर : हाईवे पर अकाल मौत का बड़ा कारण बन गया है। जिले में पीडब्ल्यूडी के तहत कुल 1,065 मार्ग हैं। इसके साथ ही दो स्टेट हाईवे भी पीडब्ल्यूडी के अधीन हैं। पहला राज्य राजमार्ग सहारनपुर यमुनोत्री के माध्यम से दिल्ली है, जबकि दूसरा देवबंद वाया नानौता मैंगलोर है। वर्तमान में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहारनपुर की सीमा से होकर गुजरते हैं। एक है दिल्ली-सहारनपुर, दूसरा है सहारनपुर-देहरादून और तीसरा है सहारनपुर-अंबाला। इन तीनों हाईवे पर गड्ढे होने से हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, पिछले महीने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर 22 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अलग-अलग हाईवे पर तीन हादसे हुए। दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे और स्टेट हाईवे लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। अगर पिछले आठ साल की बात करें तो अकेले जिले में 1240 से ज्यादा मौतें हाईवे पर हादसों से हुई हैं। पिछले महीने सहारनपुर के दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर हुए हादसे में 22 लोगों की मौत हो चुकी है।

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Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

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