सघन चिकित्सा सम्मेलन के दूसरे दिन योग से हुई शुरुआत, देश-विदेश के विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव

गाजियाबाद : गाजियाबाद में आयोजित सघन चिकित्सा (क्रिटिकल केयर) की तीन दिवसीय राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन का आगाज़ स्वास्थ्य और मानसिक शांति की प्रतीक ‘योग’ के साथ हुआ। सुबह 6:30 बजे से 7:30 बजे तक आयोजित योग सत्र में देश-विदेश से आए चिकित्सा विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस विशेष योग सत्र का नेतृत्व डॉ संदीप वार्ष्णेय और डॉ वी.बी. जिंदल ने किया।
दिन के पहले वैज्ञानिक सत्र की शुरुआत पोस्टर प्रेजेंटेशन से हुई, जिसमें 20 स्टेशन पर करीब 200 पोस्टर प्रस्तुत किए गए। 40 विशेषज्ञों की देखरेख में हुए इस सत्र में युवा चिकित्सकों और शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन साझा किए, जिससे चिकित्सा जगत को नई दृष्टि और विचार मिले।
सिंदूर हॉल में हुए व्याख्यान सत्र में डॉक्टर बनाम्बर रे ने स्क्रब टायफस पर विस्तृत जानकारी दी, जबकि डॉक्टर अतुल मिश्रा ने फेफड़ा ट्रांसप्लांट की तकनीक को विस्तार से समझाया। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ डॉ मिशेल लेवी ने सेप्सिस जैसे गंभीर विषय पर व्याख्यान दिया, जिसे डॉक्टर प्रमोद गुरु और डॉक्टर आरती मिश्रा ने मॉडरेट किया।
डॉ रणदीप गुलेरिया ने एरोसॉल ड्रग डिलीवरी के वैज्ञानिक पक्षों पर प्रकाश डाला, वहीं डॉक्टर अमित ने टीबी के मरीजों में स्टेरॉयड की भूमिका को तर्कसंगत रूप से प्रस्तुत किया। इस दौरान, पल्मोनरी एंबॉलिज़्म पर पैनल डिस्कशन हुआ, जिसने प्रतिभागियों को इस गंभीर परिस्थिति से निपटने के नए तरीकों से अवगत कराया।
बाद के सत्रों में डॉ रणवीर सिंह त्यागी ने आईसीयू में नींद और दर्द निवारकों की उपयोगिता और सावधानियों पर चर्चा की। वेंटिलेटर की विविध तकनीकों, एरोसॉल थेरेपी, और न्यूरो क्रिटिकल केयर पर भी विशेषज्ञों ने गहन विचार प्रस्तुत किए। इस सत्र में डॉक्टर विनय सिंगल, डॉक्टर विजय हांडा, और डॉक्टर गौरव जैन मुख्य वक्ता रहे, जबकि मॉडरेशन की जिम्मेदारी डॉक्टर अमिताभ गोयल ने संभाली।
एंटी फंगल दवाओं, हेमेटोलॉजी इन आईसीयू, और सुपर ड्रग बनाम सुपर बग जैसे विषयों पर भी व्यापक चर्चा की गई। रैपिड फायर राउंड के माध्यम से नींद के चरणों, मरीज प्रबंधन और दवा के प्रभावों पर तीव्र और रोचक संवाद हुआ।
सघन चिकित्सा पर केंद्रित यह सम्मेलन केवल चिकित्सकीय ज्ञान साझा करने का माध्यम नहीं बल्कि युवा डॉक्टरों को वैश्विक चिकित्सा मानकों से जोड़ने का भी एक बेहतरीन प्रयास है। सम्मेलन का अंतिम दिन कल आयोजित होगा, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण विषयों और नवाचारों पर चर्चा की जाएगी।


