
गाज़ियाबाद : हम सभी जानते हैं कि कारगिल युद्ध के दौरान सेना के वीर अपने प्राणों की आहुति देते हैं ताकि पूरा देश चैन की नींद सो सके। उनकी वीरता, साहस और जोश के किस्से जान से भी बड़े हैं। आज गौर कैस्केड के निवासियों को योगेंद्र यादव और उनकी बहादुरी की कहानियों की एक झलक मिली जो न केवल हमें गौरवान्वित करती है बल्कि उनके बलिदान से भी आंखें नम हो जाती हैं। कारगिल युद्ध में हमारे लिए लड़ने वाले प्रत्येक व्यक्ति नायक हैं।
गौर कैस्केड्स सोसाइटी में सभी कैस्केडियेन्स ने सैकड़ो की संख्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर घर घर तिरंगा के शुभारंभ के अवसर, अदम्य शौर्य के प्रतीक माँ भारती के वीरपुत्र परमवीर चक्र से सुशोभित योगेंद्र यादव कों सम्मानित किया गया व पर्यावरण के महत्व को समंझते हुये, योगेंद्र यादव के हाथों से शहीद ग्रीन पार्क का उदघाटन व घर घर तिरंगा का शुभारंभ कराया।
इस अवसर पर उपस्तिथ मातृशक्ति ने मां भारती के सपूत को आशीर्वाद दिया व नारिशक्तियो ने योगेन्द्र यादव की कलाई पर राखी बांधकर व तिलक करके उनके स्वस्थ जीवन की कामना की।


ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव (परम वीर चक्र) (18 ग्रेनेडियर्स)
उनका जन्म 10 मई 1980 को सिकंदराबाद, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश में कर्ण सिंह यादव और संतरा देवी के यहाँ हुआ था। वह परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। अगस्त 1999 में, नायब सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव को भारत के सर्वोच्च सैन्य अलंकरण परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी बटालियन ने 12 जून 1999 को टोलोलिंग टॉप पर कब्जा कर लिया ।
वह घातक प्लाटून का भी हिस्सा था और उसे टाइगर हिल पर लगभग 16500 फीट ऊंची चट्टान पर स्थित तीन रणनीतिक बंकरों पर कब्जा करने का काम सौंपा गया था। वह रस्सी के सहारे चढ़ रहे थे तभी दुश्मन के बंकर ने रॉकेट दागना शुरू कर दिया। उन्हें कई गोलियां लगीं लेकिन दर्द की परवाह किए बिना मिशन जारी रखा। वह रेंगकर दुश्मन के पहले बंकर पर गए और एक हथगोला फेंका जिसमें चार पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। इसने शेष भारतीय पलटन को चट्टान पर चढ़ने का अवसर प्रदान किया।
यादव ने लड़ाई जारी रखी और साथी सैनिकों की मदद से दूसरे बंकर को भी नष्ट कर दिया और कुछ और पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला जिससे बाकी पलटन को फिर से आने का मौका मिला। इस तरह वे कारगिल युद्ध के सबसे कठिन अभियानों में से एक को पूरा करते हैं।



गौर कैसकेड के निवासियों से बातचीत करते हुए योगेंद्र सिंह यादव ने कहा, “एक सैनिक एक निस्वार्थ प्रेमी की तरह होता है। इस बिना शर्त प्यार के साथ, दृढ़ संकल्प आता है। अपने देश, अपनी रेजिमेंट और अपने साथी सैनिकों के लिए इस प्यार के लिए, सैनिक एक पल के लिए भी सोचता नहीं है, अपनी जान जोखिम में डालने से पहले “।
कार्यक्रम में सभी रेज़िडेंट्स ने बढ चढ़ कर हिस्सा लिया व योगेन्द्रे व उनकी टीम की अदम्य शौर्य गाथा को सुना व सभी बलिदानियों को उनके किये गए बलिदान के लिये नमन व श्रद्धांजलि दी गयी।



गौर कैस्केड्स सोसाइटी के अध्यक्ष अनुज राठी ने कहा कि योगेंद्र यादव के सोसाइटी में आने से सोसाइटी धन्य हो गयी है व योगेंद्र जी के मुख से अदम्य शौर्य गाथा को सुनकर सोसाइटी के सभी नोजवानो में माँ भारती की सेवा करने का जज्बा पैदा किया है। हमारी सोसाइटी के लिये ये गौरव वाला क्षण है व योगेंद्र जी की उपस्तिथी गरिमामय है।
इस अवसर पर अध्यक्ष अनुज राठी, सचिव;- संजीव मलिक, उपाध्यक्ष:- वंदना शर्मा, अमित त्रेहान, विक्रांत शर्मा, दमन जैन, सुमित जैन, अनिल खन्ना, नवनीत नैन, कमल भटनागर, मिथलेश सिंह, निधि शर्मा, प्रीति, टीना गर्ग आदि मौजूद रहे।