Ghaziabad

गौर कैसकेड्स सोसाइटी में हरियाली तीज का पर्व ‘मोर’ थीम पर मनाया गया, महिलाओं की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने रच दी भक्ति और सौंदर्य की छटा

गाजियाबाद : राजनगर एक्सटेंशन स्थित गौर कैसकेड्स सोसाइटी में हरियाली तीज का पर्व इस वर्ष भी पूरे हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाया गया। इस बार कार्यक्रम को खास बनाने के लिए ‘मोर थीम’ को आधार बनाया गया, जिससे पूरा आयोजन स्थल पारंपरिक सौंदर्य और प्रकृति की छांव में रंगा नजर आया। महिलाओं ने पारंपरिक वस्त्र धारण किए, साज-श्रृंगार कर एक-दूसरे को मेहंदी लगाई और झूले झूलते हुए सावन के गीतों पर झूम उठीं।

इस कार्यक्रम को लेकर पूरे सप्ताह से तैयारियां चल रही थीं। महिलाओं ने सजावट से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक सब कुछ खुद संभाला और यह आयोजन नारी सशक्तिकरण की एक शानदार मिसाल बनकर उभरा।

झूला, लोकगीत और श्रृंगार — तीज के पारंपरिक रंगों में रंगा आयोजन

हरियाली तीज के इस पावन पर्व पर महिलाओं ने पारंपरिक लहराते हुए घाघरे, साड़ी और चूड़ियों में सजी-धजी होकर भगवान शिव और माता पार्वती का आह्वान करते हुए भक्ति गीत गाए। सावन के झूले और हरियाली से सजे परिसर ने पूरे माहौल को आध्यात्मिक और उत्सवी रंगों से भर दिया। खासकर बच्चों के लिए लगाई गई झूले और सेल्फी कॉर्नर ने आयोजन में अतिरिक्त रंग भर दिए।

‘तीज क्वीन’ बनीं अल्का शर्मा और प्रियंका अग्रवाल, प्रतियोगिताओं में दिखी महिलाओं की रचनात्मकता

कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण रहा ‘तीज क्वीन प्रतियोगिता’, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया और अपनी खूबसूरती, आत्मविश्वास और संस्कृति से जुड़े प्रश्नों के जवाबों के जरिए सबका मन मोह लिया।

  • 50 वर्ष से ऊपर वर्ग में अल्का शर्मा को तीज क्वीन चुना गया और रीतू गुप्ता रनों-अप रहीं।
  • 50 वर्ष से कम आयु वर्ग में प्रियंका अग्रवाल विजेता बनीं, जबकि विधि जैन रनों-अप रहीं।

इन सभी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

प्रशासनिक और सामाजिक प्रतिनिधियों ने किया आयोजन का स्वागत

सोसाइटी के बोर्ड सदस्य अनुज कुमार राठी ने कहा, “हमारी सोसाइटी में त्योहार केवल उत्सव नहीं, बल्कि एक सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक हैं। सभी महिलाओं ने मिलकर इस आयोजन को जिस तरह भव्य बनाया है, वह गर्व का विषय है।” संजीव मलिक ने कहा कि “हरियाली तीज केवल श्रृंगार या व्रत का दिन नहीं, बल्कि प्रेम, श्रद्धा और समर्पण की अभिव्यक्ति है।” नवनीत नैन ने आयोजन में नारी सशक्तिकरण की भावना को रेखांकित करते हुए कहा कि “सोसाइटी की महिलाओं ने जिस जिम्मेदारी और एकजुटता के साथ इस आयोजन को अंजाम दिया, वह प्रेरणादायक है।”

नारीशक्ति ने संभाली आयोजन की कमान

इति सिंघल, निधि शर्मा, नीरज राठी समेत कई महिलाओं ने आयोजन की पूरी रूपरेखा बनाई, सजावट, प्रस्तुति, संचालन और प्रतियोगिताओं का प्रबंधन किया और सबको जोड़कर पर्व को जीवंत बना दिया। इति सिंघल ने कहा, “तीज महिलाओं के आत्मबल और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक है। यह त्योहार रिश्तों में मिठास और एकजुटता लाता है।” निधि शर्मा ने कहा, “यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का उत्सव है जो हमारी जड़ों से जोड़ता है।”

अनुज शर्मा ने कहा, “हमारी कोशिश यही है कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से संस्कृति जीवित रहे और नई पीढ़ी तक पहुंचे।”

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां

शाम को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीतों पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के दौरान तालियों की गूंज और हरियाली की छांव में सजी महिलाओं की रचनात्मकता देखते ही बन रही थी।

सेल्फी कॉर्नर और झूलों की व्यवस्था ने न केवल बच्चों, बल्कि हर उम्र के प्रतिभागियों को उत्साह से भर दिया।

बधाइयों और आशीर्वादों के साथ संपन्न हुआ आयोजन

कार्यक्रम के समापन पर संजीव कुमार मलिक, अनुज राठी, इति सिंघल, निधि शर्मा, विनोद तेजवानी, नवनीत नैन, अनुज शर्मा, अजय मलिक, मीनाक्षी नैन, मोहित अग्रवाल सहित सभी प्रमुख रेजिडेंट्स ने एक-दूसरे को तीज की शुभकामनाएं दीं और सभी महिलाओं की सहभागिता की प्रशंसा की।

यह आयोजन न सिर्फ एक पर्व था, बल्कि गौर कैसकेड्स की सामूहिक चेतना, परंपरा, प्रेम और संस्कृति का उत्सव बन गया।

LP News

Local Post News Network

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