गाजियाबाद में जुलूसों पर पथराव और जूस की दुकानों पर उठे सवाल

- गाजियाबाद में जुलूसों पर पथराव की घटनाओं में बढ़ोतरी
- जूस की दुकानें असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन रही हैं
- ड्रोन कैमरों का उपयोग करके पथराव के लिए जमा किए गए पत्थरों का पता लगाया जा सकता है
- सभी जूस की दुकानों के फ्रंट प्लेटफॉर्म की ऊंचाई को अधिकतम तीन फीट तक सीमित किया जाए
- पुलिस को घटनाओं को होने से रोकने के लिए पहले से ही कदम उठाने चाहिए
- सभी धर्मों के लोगों को शामिल करके शांति समितियां बनाई जानी चाहिए
गाजियाबाद: कॉन्फेडरेशन ऑफ आर डब्ल्यू ए फेडरेशन गाजियाबाद (कोरवा, यूपी) ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर शहर में बढ़ती हिंसा और असामाजिक गतिविधियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। संगठन ने जुलूसों पर पथराव और जूस की दुकानों में होने वाली अनियमितताओं को रोकने के लिए कई सुझाव दिए हैं।
कोरवा-यूपी के मुख्य संरक्षक, कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने कहा कि धार्मिक जुलूसों पर पथराव की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस को जुलूस निकलने से पहले ही संभावित पथराव वाले इलाकों की पहचान कर लेनी चाहिए। ड्रोन कैमरों का उपयोग करके भी पथराव के लिए जमा किए गए पत्थरों का पता लगाया जा सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि सभी धर्मों के लोगों को शामिल करके शांति समितियां बनाई जानी चाहिए ताकि शांति व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
कोरवा-यूपी के अध्यक्ष, पवन कौशिक ने जूस की दुकानों पर उठ रहे सवालों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कई जूस की दुकानें असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन गई हैं। इन दुकानों के आगे बने ऊंचे फ्रंट के कारण उनके पीछे क्या हो रहा है, यह पता नहीं चल पाता। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी जूस की दुकानों के फ्रंट प्लेटफॉर्म की ऊंचाई को अधिकतम तीन फीट तक सीमित किया जाए।
कोरवा-यूपी के मुख्य सलाहकार, डॉ. आर.के. आर्या ने कहा कि पुलिस को घटनाओं के बाद कार्रवाई करने के बजाय घटनाओं को होने से रोकने के लिए पहले से ही कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में इस क्षमता है कि वह असामाजिक तत्वों की गतिविधियों का पहले से ही पता लगा सके।
कोरवा यूपी के महासचिव, कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिक्रियात्मक नहीं बल्कि पूर्वानुमानी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समस्याएं उत्पन्न ही न हों।
इस प्रेस वार्ता में आर डब्ल्यू ए फेडरेशन और फ्लैट ओनर फेडरेशन के कई शीर्ष पदाधिकारी और वकील भी उपस्थित थे। उन्होंने संगठन द्वारा उठाए गए मुद्दों का समर्थन किया और प्रशासन से इन पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।



