
गाजियाबाद : दो साल का लॉकडाउन मेरे लिए हुआ वरदान साबित क्योंकि इस दौरान मैंने जो पढ़ा था, जो भी किया था, मैंने उसको रिकॉल किया । मेरे लिए लॉकडाउन के दो साल इंपोर्टेंट रहे अगर लॉकडाउन का गैप नहीं आता तो शायद इतनी बड़ी सक्सेस नहीं मिलती ।यह कहना है इसरो में सिलेक्ट हुई साइंटिस्ट अर्चना बिष्ट का ।
इसरो में सिलेक्ट हुई अर्चना बिष्ट प्रताप विहार केएम ब्लॉक में रहने वाली है और प्रताप विहार के ब्लूम इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं टॉपर रही है ।उसके बाद 2016 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ मैथमेटिक्स ओनर कंप्लीट किया उसके बाद बीएचयू से मास्टर्स 2018 में कंप्लीट की मास्टर्स की डिग्री के बाद सीएसआईआर का एग्जाम क्लियर किया।
आईआईटी रुड़की में पीएचडी के लिए सिलेक्शन हुआ फिर अर्चना बिष्ट ने लोक डाउन के 2 साल गेप में बहुत मेहनत की अर्चना ने कहा कि मैंने मैथमेटिक्स को जिया बहुत मेहनत की और उसके बाद इसरो का एग्जाम मेरे लिए कुछ भी मुश्किल नहीं रहा।