आपदा से निपटने के लिए नागरिक सुरक्षा गाजियाबाद के वार्डनों ने लखनऊ से प्राप्त किया विशेष प्रशिक्षण

📍 गाजियाबाद | लोकल पोस्ट संवाददाता
आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों को सशक्त करने की दिशा में गाजियाबाद की नागरिक सुरक्षा टीम के वार्डनों ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में लखनऊ स्थित केंद्रीय नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित 6 दिवसीय “कोलैप्स्ड स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स” में जिले की टीम ने भाग लिया और अब वे प्रशिक्षित होकर अपने गृह जनपद लौट चुके हैं।
सहायक उप नियंत्रक एवं कार्यालय प्रभारी गुलाम नबी के नेतृत्व में यह बैच लखनऊ भेजा गया था, जहां वरिष्ठ सहायक उप नियंत्रक वेद प्रकाश (गोरखपुर) एवं वरिष्ठ फायर अधिकारी बृजेश शुक्ला (लखनऊ) द्वारा मौखिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण का उद्देश्य प्राकृतिक और मानव-निर्मित आपदाओं जैसे भवन ढहने, भूकंप, आगजनी आदि के दौरान त्वरित और प्रभावी बचाव कार्यों को अंजाम देना था। कोर्स में रेस्क्यू मेथड, इनसरग प्रोटोकॉल, सर्च तकनीक, प्राथमिक चिकित्सा, कृष सिंड्रोम की पहचान, बैकबोर्ड तकनीक, शौरिंग व स्ट्रेचर तकनीक जैसी तमाम जमीनी जानकारियां दी गईं।
प्रशिक्षण में भाग लेने वाले गाजियाबाद के नागरिक रक्षक:
- पोस्ट वार्डन रिजर्व संजय शर्मा,
- पोस्ट वार्डन मृगांक,
- सेक्टर वार्डन अरुण कुमार श्रीवास्तव,
- तुषार शर्मा,
- मनोज गुप्ता,
- आनंद कुमार,
- गगन अरोड़ा।
इसके अलावा देश के विभिन्न कोनों से अन्य प्रतिभागी भी इस कोर्स में शामिल हुए, जिनमें बनारस, नोएडा और सोनभद्र के प्रतिभागी प्रमुख रहे।
पोस्ट वार्डन संजय शर्मा ने प्रशिक्षण के समापन अवसर पर सुझाव दिया कि अवैतनिक सेवा दे रहे नागरिक सुरक्षा वार्डनों को महंगाई भत्ता, कन्वेंस सुविधा, और सरकारी परिवहन एवं स्वास्थ्य सेवाओं में रियायत दी जानी चाहिए, ताकि और अधिक लोग इस नेक कार्य में भागीदारी निभा सकें।
वहीं, वार्डन अरुण श्रीवास्तव ने वरिष्ठ वार्डनों के लिए मैनेजमेंट कोर्स शुरू करने और प्रशिक्षण सुविधाओं में सुधार करने की मांग रखी।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षुओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए और उन्होंने अपने ट्रेनर्स के प्रति आभार प्रकट किया।
यह प्रशिक्षण न केवल आपदा के समय बचाव को प्रभावी बनाएगा, बल्कि गाजियाबाद जिले की आपदा तैयारियों को और अधिक मज़बूत करेगा। नागरिक सुरक्षा के ये स्वयंसेवक निस्वार्थ सेवा की मिसाल हैं, जो बिना वेतन, केवल मानवता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर सेवा में जुटे रहते हैं।