मेडिकल कालेज मेरठ में पहली बार कार्डियक रीसिंक्रोनाइजेशन थिरैपी विधि द्वारा हृदय का सफल ऑपरेशन
मेरठ: मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ वी डी पांडेय ने बताया कि जगसोरन उम्र 76 वर्ष जनपद मेरठ निवासी हैं, मरीज हृदय की कई बीमारियों से ग्रसित होने के कारण गंभीर रूप से बीमार थे, जिनमें मुख्यतः कोरोनरी आर्टरी डिजीज की वजह से हृदय की काम करने की क्षमता मात्र 20 प्रतिशत शेष रह गयी थी मरीज हार्ट फेलियर की स्थिति में था तथा गंभीर रूप से बीमार था। मरीज के हृदय के कंडक्सन सिस्टम में अवरोध होने की वजह से हृदय की खून पम्प करने की क्षमता काफी कम हो गयी थी।
मरीज ने मेडिकल कॉलेज के सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक स्थित हृदय रोग विभाग के सहायक आचार्य डॉ शशांक पाण्डेय से परामर्श ली, डॉ पांडेय ने मरीज को कार्डियक रीसिंक्रोनाइजेशन थिरैपी के विषय में बताया मरीज की स्वीकृति के बाद मरीज को सफल थिरैपी दी गयी तथा हृदय के तीन हिस्सों में सफलतापूर्वक पेसमेकर आरोपित (स्थापित) किया गया। मरीज अब स्वस्थ है खा पी रहा है तथा दैनिक दिनचर्या के समस्त कार्य स्वंय कर पा रहा है।
डॉ शशांक पांडेय तथा डॉ सी बी पाण्डेय ने बताया कि मरीज मेडिकल कॉलेज आने से पूर्व दिल्ली, गुड़गांव तथा एन सी आर छेत्र के प्रतिष्ठित सरकारी एवम गैर सरकारी नामी अस्पतालों में बहुत दिनों तक भटकता रहा परंतु कोई लाभ नहीं मिला तब मरीज ने मेडिकल कॉलेज मेरठ में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया। यह थिरैपी निजी अस्पतालों में 9-10 लाख रुपये में उपलब्ध हो पाती है जोकि मेडिकल कॉलेज मेरठ के हृदय रोग विभाग में लगभग आधे खर्च पर उपलब्ध है।
प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने बताया कि यह थिरैपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों में से मेडिकल कॉलेज मेरठ में पहली बार दी गयी है। यह एक जटिल ऑपरेशन था जिसमे कुल 3 घंटे का समय लगा। मैं हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धीरज सोनी, डॉ सी बी पाण्डेय, डॉ शशांक पाण्डेय एवम उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ।
डॉ गुप्ता ने कहा कि मैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आमजनमानस से अपील करता हूँ कि वो मेडिकल कॉलेज मेरठ में उपलब्ध इस सुविधा से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा न्यूनतम सरकारी दरों पर उपलब्ध है।