Ghaziabad

मुनि श्री अनुकरण सागर जी महाराज के 16 कारण उपवास का 14 दिन

गाज़ियाबाद: श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर कवि नगर में चातुर्मास कर रहे मुनि श्री 108 अनुकरण सागर जी महाराज 16 कारण व्रत धारण किए हुए हैं जो कि 32 दिन तक चलेंगे।आज व्रत का 14 दिन है।

मुनि श्री ने बताया कि 16 कारण भावना को भाने से तीर्थंकर प्रकृति का बंध होता है जिसको उन्होंने धारण किया है। इस व्रत को धारण करने से भव का शीघ्र नाश होता है स्व से पर कर्मों का पृथकीकरण ही भव नाश संज्ञा को प्राप्त होता है। नाश का अर्थ किसी वस्तु को अवस्तु कर देना नहीं है।लोक में कोई भी द्रव्य नाश को प्राप्त नहीं होता जो होता है, वह पर्याय का परिणमन मात्र है भूत में जितने भी भगवान तीर्थंकर हुए हैं व हो रहे हैं विदेहों में और होंगे भरतादि क्षेत्रों में,170 कर्म भूमियों में,वे सब 16 कारण भावनाओं के भाने से हुए हैं यह भावनाएं जगत के जीवन को आनंद देने वाली जननी है।संपूर्ण दुखों का उपशमन करने कराने वाली है,यह लोक परलोक में सुख देने वाली हैं।प्रबल,शाश्वत पूण्यकारक 16 कारण भावनाएं हैं।त्रिलोक में पूर्ण की पराकाष्ठा का पद तीर्थंकर है।उसे प्रदान करने वाली हैं।

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जैन समाज के प्रवक्ता अजय जैन ने बताया कि 32 दिन के उपवास के दौरान 108 मुनि श्री अनुकरण सागर जी महाराज सिर्फ दो-तीन दिन में एक बार पानी का सेवन करते हैं ।आज उनके व्रत का 14 वॉं दिन है।हम सभी जैन समाज के लोग ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके 32 दिन का यह 16 कारण उपवास निर्विघ्न संपन्न हो।

इस अवसर पर समाज के लोगों ने उन्हें जल देकर के पुण्य अर्जन किया।जलाहार देने का सौभाग्य प्रवक्ता अजय जैन,साधना जैन,सुशीला जैन आयुष जैन,ऋषभ जैन,अरविंद जैन आदि को प्राप्त हुआ।

Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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