बृजविहार: रिटायर्ड इंजीनियर का गंदे नाले में उतर कर एक साइलेंट प्रोटेस्ट
गाज़ियाबाद: दिल्ली से सटे बृज विहार इलाके में रहने वाली करीब 50 हजार से अधिक की आबादी के लिए बरसाती नाला नासूर बन गया है। माकूल सफाई न होने, नाला जर्जर होने व शहीद नगर स्थित जे प्वाइंट सीवेज पंपिग स्टेशन की क्षमता कम होने से नाले के ओवरफ्लो होने की समस्या बढ़ गई है। साल दर साल यह समस्या बढ़ रही है। बारिश होने पर बृज विहार में नाले का पानी व मलबा घरों में घुस जाता है।


गाजियाबाद के बृज विहार कॉलोनी के गंदे नाले की समस्या से सोसाइटी के लोग काफी परेशान हैं। गंदे नाले की समस्या को लेकर वहां के लोगों ने कई बार प्रशासन से सकी शिकायत भी की है। रविवार की सुबह बृज विहार कॉलोनी के रिटायर्ड इंजीनियर ने गंदे नाले से तंग आकर यह कदम उठाया। रिटायर्ड इंजीनियर ने गंदे नाले में उतर कर एक साइलेंट प्रोटेस्ट करके सेंट्रल गवर्नमेंट और उत्तर प्रदेश सरकार से इस संदर्भ में हाई लेवल जांच की मांग की है।



सोसायटी के रिटायर्ड इंजीनियर हेमंत भारद्वाज ने प्रशासन से शिकायत करते हुए कहा कि वह नाले की सफाई को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और जब तक उनकी समस्का समाधान नहीं हो जाता तब तक वह निगम के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे। हेमंत पिछले पांच सालों में अब तक 300 से ज्यादा बार विरोध कर चुके हैं।

फैक्ट्रियों का पानी फैला रहा प्रदूषण :
यह बरसाती नाला है, लेकिन वर्तमान में इसमें सीवेज का पानी डाला जा रहा है। इस नाले में शहीदनगर, पाइप मार्केट, जनकपुरी, शालीमार गार्डन, तुलसी निकेतन, ट्रांसपोर्ट नगर, बृज विहार, रामपुरी, डेल्टा कालोनी, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र, कौशांबी, वैशाली का पानी इस नाले में आता है। फैक्ट्रियों का रसायनयुक्त पानी भी इसमें आ रहा रहा है। इस नाले की ठीक से सफाई नहीं हुई है। इससे समस्या ज्यादा विकराल हो गई है। नाला जर्जर है। बारिश होने पर पानी ओवरफ्लो हो जाता है व बृज विहार पानी में डूब जाता है। नाले का मलबा घरों में घुस जाता है।