Meerut

मेरठ मेट्रो के अंडरग्राउंड सेक्शन में एस्कलेटर्स इन्स्टालेशन की प्रक्रिया आरंभ, भैंसाली स्टेशन से हुई एस्कलेटर्स लगाने की शुरुआत

मेरठ : मेट्रो के अंडरग्राउंड सेक्शन में एस्कलेटर्स इन्स्टालेशन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है और इसकी शुरुआत भैंसाली स्टेशन से हुई है। इस स्टेशन का आधारभूत ढांचा तैयार होने के साथ ही स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल से प्लेटफॉर्म लेवल के बीच यात्रियों के सुविधाजनक आवागमन हेतु 2 एस्कलेटर्स इंस्टाल कर दिए गए हैं। स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग पूर्ण होने के साथ ही प्लेटफॉर्म लेवल की स्लैब कास्टिंग भी लगभग पूर्ण हो गई है। मेरठ के अन्य दो भूमिगत स्टेशनों बेगमपुल और मेरठ सेंट्रल में एस्कलेटर्स इन्स्टालेशन की प्रक्रिया भी जल्द ही आरंभ होगी।

एस्कलेटर्स बिजली से चलने वाली स्वचालित सीढ़ियां होती हैं, जो वर्तमान में मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए एनसीआरटीसी द्वारा लगाए जाने वाले एस्कलेटर अत्याधुनिक, अप-टू-डेट तकनीक के साथ, ऊर्जा की बचत करने वाले होंगे और यात्रियों की सुरक्षा एवम सुविधाओं के लिए कई नयी तकनीक से सुज्जजित होंगे। सम्पूर्ण कॉरिडोर के लिए एस्कलेटर्स बनाने के कार्य के लिए एनसीआरटीसी ने शिंडलर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध किया है, जो महाराष्ट्र के पुणे में एस्कलेटर्स बना रही है।

एस्कलेटर्स में होंगी कुछ प्रमुख विशेषताएं

  1. एस्कलेटर के साइड के पैनल और स्टेप (सीढ़ी) के बीच में साड़ी जैसे ढीले कपड़ों के उलझने की संभावना को कम करने के लिए स्कर्ट गार्ड का प्रयोग।
  2. एस्कलेटर पर यात्रा करते समय यात्रियों की उंगलियों की सुरक्षा के लिए एस्कलेटर के हैंडरेल पर फिंगर गार्ड लगा होगा।
  3. एस्कलेटर के असामान्य संचालन पर यात्रियों को एस्कलेटर से गिरने से बचाने के लिए कई स्वचालित सुरक्षा उपकरण होंगे, जिनमें एंटी-रिवर्सल डिवाइस, ड्राइव चेन ब्रोकन डिवाइस, हैंडरेल ब्रोकन डिवाइस, एस्कलेटर ओवर स्पीड डिवाइस, स्टेप सैग / स्टेप ब्रोकन डिवाइस, स्टेप अप-थ्रस्ट डिवाइस, स्टेप मिसिंग डिवाइस, हैंडरेल मॉनिटरिंग डिवाइस आदि।
  4. एस्कलेटर पर मजबूत पकड़ के लिए “V” प्रकार के हैंडरेल होंगे।
  5. प्रत्येक एस्कलेटर पर आसानी से बोर्डिंग और डीबोर्डिंग करने के लिए पीली लाइन और पीली लाइट के साथ चार समतल स्टेप होंगे।
  6. स्टेशन के अंदर पेड एरिया में लगाए गए एस्कलेटर के साइड में शीशे लगे होंगे, जबकि नॉन पेड एरिया में यह स्टेनलेस स्टील का होगा।
  7. एस्कलेटर पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए एस्कलेटर के ऊपर और नीचे अतिरिक्त इमर्जेंसी स्टॉप स्विच होंगे, जिन्हें ज़रूरत पड़ने पर प्रयोग करके एस्कलेटर को रोका जा सकेगा।
  8. भैंसाली मेट्रो स्टेशन लगभग 260 मीटर लंबा है, लेकिन यात्रियों के प्रयोग के लिए प्लेटफॉर्म की लंबाई 75 मीटर होगी, जबकि स्टेशन के बाकी हिस्से में प्लेटफॉर्म एरिया के दोनों ओर कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म दोनों लेवल्स पर स्टेशन के ऑपरेशंस के लिए आवश्यक तकनीकी रूम्स जिनमें ऑग्जिलियरी सब स्टेशन (एएसएस), स्टेशन कंट्रोल रूम (एससीआर), इलैक्ट्रिकल कंट्रोल रूम (ईसीआर), टेलिकॉम इक्युप्मेंट रूम (टीईआर), सिग्नलिंग इक्युप्मेंट रूम (एसईआर) बनाए जा रहे हैं और इन रूम्स के आगे बचे बाकी हिस्से में ट्रेनों द्वारा पटरियां बदलने के लिए क्रॉस ओवर होंगे। स्टेशन के दोनों ओर समानान्तर टनल हैं। भैंसाली मेट्रो स्टेशन में मेट्रो ट्रैक के साथ ही आरआरटीएस ट्रेनों के लिए भी निर्धारित अप एंड डाउन ट्रैक बनाए जाएंगे। टनल और प्लेटफॉर्म के बीच मेट्रो और आरआरटीएस ट्रेनों के परिचालन हेतु क्रॉस ओवर बनाए जाएंगे। भैंसाली मेट्रो स्टेशन की चौड़ाई लगभग 30 मीटर और गहराई करीब 17 मीटर है।
  9. स्टेशन के कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल के कार्य के साथ ही स्टेशन में फिनिशिंग का कार्य आरंभ हो गया है। एयर कंडिशनिंग आदि के लिए एयर डक्ट इन्स्टालेशन के साथ-साथ ओटीई (ओवरहेड ट्रैक्शन एग्ज़ॉस्ट) डक्ट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। यात्रियों से संबन्धित सुविधाएं जैसे शौचालय आदि का निर्माण कार्य भी तेजी से प्रगति पर हैं। जल्द ही यहां ट्रैक बिछाने और ओएचई इन्स्टालेशन की गतिविधियां भी आरंभ की जाएंगी।
  10. स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल पर यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच किओस्क और टिकट काउंटर के अलावा एएफसी (ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन) गेट आदि लगाए जाएंगे। एएफसी गेट स्टेशन के प्रवेश एरिया में लगे होंगे और यात्री अपना यात्रा कार्ड या टिकट एएफसी गेट पर स्कैन करके स्टेशन में प्रवेश कर सकेंगे। इसके साथ ही यहां अन्य यात्री केंद्रित सुविधाएं जैसे आधुनिक सूचना डिस्प्ले बोर्ड (ऑडियो-वीडियो सहित), स्टेशन के आसपास के प्रमुख स्थान दर्शाने वाले सिस्टम मैप, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशामक प्रणाली और वॉशरूम आदि जैसी सुविधाएं भी होंगी।

इस स्टेशन में कॉनकोर्स लेवल से प्लेटफॉर्म लेवल तक जाने के लिए 2 (अप-डाउन) एस्कलेटर, ग्राउंड से कॉनकोर्स लेवल पर जाने के लिए 4 एस्कलेटर्स (2 एस्कलेटर्स यूपीएसआरटीसी बस अड्डा प्रवेश-निकास द्वार और 2 एस्कलेटर्स तहसील की ओर वाले प्रवेश-निकास द्वार से सीधे कॉनकोर्स लेवल पर कनेक्ट होंगे), इसके अलावा 2 एस्कलेटर्स शहीद स्मारक की ओर बनाए जा रहे प्रवेश-निकास द्वार पर लगाये जाएंगे, यह द्वार भूमिगत पैदल-पार पथ (subway) के जरिए स्टेशन से कनेक्ट होगा। स्टेशन में कुल 8 एस्कलेटर्स लगाए जाएंगे, जिनमें से 2 इंस्टाल किए जा चुके हैं।

इसके साथ ही स्टेशन में प्रत्येक प्रवेश-निकास द्वार पर ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स लेवल तक आने जाने के लिए 1-1 लिफ्ट और कॉनकोर्स लेवल से प्लेटफॉर्म लेवल तक आने जाने के लिए 2 लिफ्ट लगाई जाएंगी। लिफ्ट लगाने की प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है।

यात्रियों की सुविधा के लिए एनसीआरटीसी द्वारा भैंसाली स्टेशन पर तीन प्रवेश और निकास द्वार बनाए जा रहे हैं। इस स्टेशन का पहला प्रवेश-निकास द्वार भैंसाली स्टेशन के सामने सड़क के दूसरी ओर रेलवे रोड के नजदीक शहीद स्मारक के पास स्थित टैक्सी स्टैंड की तरफ बनाया जा रहा है। इस प्रवेश-निकास द्वार के लिए स्टेशन से सड़क के दूसरी ओर जाने के लिए भूमिगत पैदल पार पथ भी बनाया जाएगा और आम लोग सड़क पार करने के लिए इसका निः शुल्क प्रयोग कर सकेंगे।

भैंसाली स्टेशन का दूसरा प्रवेश-निकास द्वार दिल्ली रोड पर ही तहसील के साथ बनाया जा रहा है और यहां दिल्ली रोड से आने-जाने वाले यात्रियों को स्टेशन में प्रवेश और निकास की सुविधा मिलेगी। इस द्वार की मदद से तहसील आने वाले लोगों को बहुत लाभ होगा। मेरठ तहसील में रोजाना भारी संख्या में लोग मेरठ के अलग-अलग इलाकों से पहुँचते हैं। इस स्टेशन के तैयार होने से तहसील तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा।

वहीं स्टेशन का तीसरा प्रवेश-निकास द्वार वर्तमान भैंसाली बस अड्डे (उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम) की ओर कुछ मीटर की दूरी पर बनाया जा रहा है, जिसकी मदद से यात्री बिना किसी परेशानी के आरआरटीएस कॉरिडोर पर पहुंच सकेंगे और अपने गंतव्य के लिए अत्याधुनिक रैपिडएक्स सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इन तीनों प्रवेश-निकास द्वारों पर सार्वजनिक / निजी वाहनों से आने वाले यात्रियों हेतु पिक एंड ड्रॉप की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

उल्लेखनीय है कि एनसीआरटीसी 23 किलोमीटर के क्षेत्र में 13 स्टेशनों के साथ, आरआरटीएस कॉरिडोर पर ही स्थानीय मेट्रो की सुविधा प्रदान करने की पहल कर रहा है। इस पूरे कॉरिडोर को जून 2025 तक जनता के लिए संचालित करने का लक्ष्य है।

Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

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