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शनि का है साल; कैसा रहेगा सन् 2024 आपके लिए,जानिए 12 राशियों का भविष्यफल

आंग्ल नव वर्ष 2024 ,31 दिसंबर की मध्य रात्रि 12:00 बजे बाद आरंभ होगा। मध्य रात्रि 00:00:01 बजे नव वर्ष का आरंभ होगा ।ज्योतिषीय दृष्टि से कन्या लग्न में नव वर्ष 2024 का शुभारंभ हो रहा है। प्रवेश कालीन कुंडली के अनुसार चतुर्थ भाव में सूर्य मंगल का प्रभाव पूरे वर्ष रहेगा। भारतवर्ष में आंतरिक व्यवस्थाओं में परिवर्तन होने की संभावना है। राजनैतिक दृष्टि से 2024 में लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की भी सरकार बनेगी और एनडीए को बहुमत से ज्यादा सीटें आने की संभावना है।

लग्न सप्तम में नीचस्थ केतु और राहु के प्रभाव से देश को विद्वेष ,हिंसा अराजकता का भी सामना करना पड़ेगा। वर्ष प्रवेश काल के समय चंद्रमा, मंगल, बुध ,बृहस्पति और राहु मूल नक्षत्रों में है। जो वर्ष 2024 में भारत वर्ष को मजबूत राष्ट्र तो बनाएगा किन्तु सीमा पर हलचल बढ़ेगी ।आंतरिक शत्रु षड्यंत्र रचेंगे। लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से शत्रुओं कीचुनौती का जवाब दिया जाएगा।

विश्व में अराजकता व आतंकी गतिविधियां बढ़ेंगी। शक्तिशाली राष्ट्रों के बीच विद्रोह अथवा युद्ध की संभावना बनेगी।
पी ओ के की भारत में मिलने की संभावना है। भारत के संविधान में संशोधन भी होगा जो धार्मिक गतिविधियों पर आधारित होगा और भारत हिंदू राष्ट्र की ओर अग्रसर हो जाएगा , यद्यपि इसकी घोषणा प्रत्यक्ष रूप से नहीं होगी। किंतु धीरे-धीरे संविधान में संशोधन प्रक्रिया हिंदू राष्ट्र की ओर अग्रसर करेगी।

विश्व में तृतीय विश्व युद्ध होने की संभावना बनेंगी। भगवान श्री राम मंदिर के लोकार्पण से भारत में हिन्दु समाज होगा एकजुट ।
भारत आर्थिक ,सामाजिक और सामरिकक स्थितियां मजबूत होगी।

क्या होगा आपकी राशि पर इसका प्रभाव

मेष राशि
मेष राशि के व्यक्तियों पर इस वर्ष शनि की विशेष कृपा रहेगी। बृहस्पति भी मेष राशि में ही रहेंगे। मेष राशि वालों के लिए जीवन में प्रगति और विकास के रास्ते खुलेंगे। धन-धान्य की वृद्धि होगी ,साथ में परिवार में उत्सव का माहौल बनेगा। कोई सामाजिक अथवा पारिवारिक उत्सव में भाग लेने की अवसर मिलेंगे। इस वर्ष क्रोध व इगो पर नियंत्रण रखना होगा और अपने को वाद विवाद से बचाना होगा। क्योंकि आपके विरोधी अथवा शत्रु सक्रियहो सकते हैं। अपने रहस्य किसी के सामने प्रकट न करें। व्यवसाय अथवा नौकरी पेशा वाले व्यक्तियों के इस वर्ष से प्रमोशन ,वेतन वृद्धि आदि के योग बन रहे हैं ।विशेष कष्ट से निवृत्ति के लिए हनुमान जी की पूजा अवश्य किया करें।

वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए यह वर्ष सकारात्मक संदेश लेकर आएगा। बृहस्पतिके बारहवें में स्थान में होना कुछ कष्टकारी हैं। जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं । उदर विकार गैस आदि की संभावनाएं प्रबल होगी।किंतु संतुलित भोजन करने , योगाभ्यास अथवा ध्यान करने से आपको बहुत शांति मिलेगी। धन-धान्य में किए गए प्रयास सफल होंगे। आर्थिक लाभ होंगे ।किसी मित्र अथवा दूरस्थ रिश्तेदार की सहायता से धन की वृद्धि होगी अथवा कोई काम बनेगा। माता-पिता से संबंध अच्छे रखें, क्योंकि माता-पिता से संबंध अच्छे होंगे तो आपकी प्रगति ,प्रमोशन, वृद्धि कोई रोक नहीं पाएगा इस वर्ष भावुकता से बचें और जीवन में कभी भी गरीब और मजदूर व्यक्ति का अनादर न करें। परिवार में निरंतर प्रगति होगी । नवीन सदस्य की आगमन से प्रसन्नता मिलेगी। वाहन आदि धीमे चलाएं, वाणी पर नियंत्रण रखें‌। अपने जीवन की मां लक्ष्मी का इष्ट बना ले श्री सूक्तम का पाठ करें तो सारे कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे।

मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए चतुर्थ स्थान में केतु का प्रभाव वर्ष भर बना रहेगा। जिससे सुख शांति के किए गए प्रयासों में सफलता की संभावना कम है। किंतु धनागम के स्रोत बने रहेंगे,क्योंकि भाग्य भाव में शनि अपनी राशि में रहेगा।
मिथुन राशि के व्यक्तियों को इस वर्ष बाहरी संबंधों से अधिक लाभ मिलेंगे। दूरस्थ स्थानों की यात्रा भी करेंगे ।विदेश यात्रा के योग भी बन सकते हैं। दिनचर्या का व्यवस्थित करें और खान-पान पर ध्यान दें तो आपको अच्छा फल मिलेगा। पत्नी के साथ संबंध अच्छे रखें तो लक्ष्मी और धन की प्राप्ति निरंतर होती रहेगी। किंतु कभी-कभी मन बेचैन रहेगा ।थकान, निराशा आदि भी यदा-कदा बनी रहेगी। दुर्गा माता की पूजा करते रहे जिससे आपको बहुत शांति मिलेगी।

कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शनि की ढैया कुंभ राशि में चलती रहेगी। लेकिन कुंभ राशि में शनि अपने ढैया में भी लाभ देते रहेंगे। अनावश्यक विवाद से बचना होगा। कोर्ट कचहरी आदि के दुर्योग बन सकते हैं। लेकिन समझदारी से काम लेंगे तो ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव कम जाएगा। घर के बड़े बुजुर्गों की सहायता से आपको अनावश्यक विवादों से से मुक्ति मिलेगी। उनके आशीर्वाद से आपको सफलता की संभावना बनेगी। कहीं पूंजी निवेश का मन कर रहा हो तो कर सकते हैं लाभ होगा। भूमि भवन क्रय विक्रय करना हो तो यह वर्ष आपके के लिए अच्छा है। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें वाहन धीमे चलाएं।गणेश जी की पूजा करें और मंदिर में लड्डू का भोग लगाएं।

सिंह राशि
सिंह राशि के व्यक्तियों के लिए अष्टम भाव में राहु चलते रहेंगे। अष्टम भाव में राहु होने का अर्थ दुर्घटना अथवा बीमारी का संकेत होता है। वाणी पर नियंत्रण रखेंगे और सोच समझकर कार्य करें तो अच्छा रहेगा वैसे सिंह राशि में के व्यक्तियों के लिए यह अच्छी बात है कि राहु और केतु अपना नकारात्मक प्रभाव कम दिखते हैं। किंतु विशेष सावधानी रखनी आवश्यक है।
व्यवसाय और नौकरी में निरंतर लाभ होगा ,किंतु घर के सुख संसाधनों में व्यय की अधिकता रहेगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें और धैर्य बनाए रखें तो कार्य निर्विघ्न रूप से पूरे होंगे। छोटी-छोटी यात्राएं अथवा धार्मिक यात्राएं खूब होंगी। भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करते रहें।ओम नमः शिवाय और गायत्री मंत्र करें तो विघ्न बाधाएं दूर होंगी।

कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए अष्टम भाव में गुरु का गोचर चलेगा। गुरु अष्टमी अच्छा लाभ नहीं देता इसलिए विशेष कर स्वास्थ्य पर ध्यान दें। दिनचर्या और खानपान व्यवस्थित रखें। धन लाभ होता रहेगा किंतु व्यय की अधिकता से हमेशा अभाव सा महसूस रहेगा। खर्चो पर नियंत्रण रखें परवानी को कठोर न होने दें। घूमने की प्रवृत्ति जागृत होगी। परिवार के साथ अथवा मित्रों के साथ लंबी और धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। पिता के साथ संबंध अच्छे रखें तो लाभ होगा। दुर्गा मां की पूजा करें।
गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें।

तुला राशि
तुला राशि में इस वर्ष केतु का 12 वें स्थान में गोचर रहेगा । यद्यपि मित्र राशि में केतु बैठा हुआ है । इसके परिणाम स्वरूप धन के स्त्रोत बढ़ेंगे। और धनागमन होता रहेगा। किंतु खर्चों पर नियंत्रण रखें ।भावुकता में ना बहें अनजान व्यक्ति पर विश्वास न करें। क्योंकि इस वर्ष कुछ आस्तीन के सांप आपको आंतरिक हानि पहुंचा सकते हैं। परिवार में माहौल अच्छा रहेगा मंगल कार्य होते रहेंगे। किसी महिला सदस्य के द्वारा आर्थिक लाभ अथवा व्यापार व धन निवेश का कारण बनेगा। इसमें आगामी समय में बहुत लाभ होने की संभावना है। अनावश्यक क्रोध से बचे और वाणी पर नियंत्रण रखें। लक्ष्मी मां की पूजा करें।

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह वर्ष शनि की ढैया का है ।किंतु कुंभ राशि का शनि संघर्षों के बाद सफलता अवश्य दिलाता है। परिश्रम का लाभ मिलेगा ।भाग दौड़ बहुत रहेगी। अनावश्यक थकान, बेचैनी बन सकती है इसलिए आराम करना बहुत जरूरी है ।भाग दौड़ के चलते मानसिक तनाव रहेगा। इसलिए स्वास्थ्य हानि हो सकती है ।छोटी-मोटी बीमारी अथवा हलकी-फुल्की चोट मोच आदि का डर है। भाई बहनों से संबंध अच्छे होंगे ।आप उनकी सहायता करें तो अच्छा रहेगा। इससे मंगल प्रबल होगा और आपकी भूमि भवन संबंधी जो कार्यों में अड़चन चल रही है और शीघ्र ही पूरी हो जाएगी। बुजुर्गो का सम्मान करें। माता-पिता का सम्मान करते रहें ।उन्हें प्रसन्न रखें तो पूरा वर्ष आनंद से गुजरेगा। हनुमान जी की पूजा करना आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा।

धनु राशि
धनु राशि व्यक्तियों के लिए यह वर्ष बहुत अच्छा है। आय के विभिन्न स्तोत्र उत्पन्न होंगे ।ईश्वर की कृपा बनी रहेगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा । धन आने के बहुत अच्छे योग बनेंगे ।किंतु जोश में होश में न खोएं। वाणी पर नियंत्रण रखें और गरीबों मजदूरों की सहायता ,सेवा करें ।परिवार में मंगल कार्य होंगे ।परिवार की वृद्धि हो सकती है ।अतिथि का आगमन होता रहेगा जिससे व्यय में वृद्धि हो सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें वाहन धीमे चलाएं और बृहस्पति अथवा विष्णु भगवान जी की पूजा करें तो श्रेष्ठ रहेगा।

मकर राशि
मकर राशि पर गत कई वर्षों से शनि की साढेसाती चल रही है ।जो अब तक हानिकारक थी लेकिन अब साढे साती की ढैया बहुत अच्छी है। जितना भी नुकसान अथवा हानि आपने सहन है वह पूरी हो जाएगी ।भवन भूमि संबंधी जो यह निर्णय लिए हैं वे पूरे होंगे व्यापार में वृद्धि होगी। धन निवेश के योग बनेंगे और नौकरी पेशा वालों के लिए पदोन्नति ,ट्रांसफर अथवा वेतन वृद्धि के योग हैं ।भाग दौड़ कम रखें। क्योंकि पैर में दर्द आदि हो सकता है। लंबी अथवा विदेश यात्रा के योग बनेंगे। दुर्गा मां की पूजा करें ।हनुमान चालीसा का पाठ करें तो सफलता मिलेगी।

कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शनि की द्वितीय ढैया चल रही है ।कुंभ राशि और कुंभ राशि में शनि का होना एक अच्छा फलदायक योग होता है क्योंकि शनि अपनी राशि के जातक को हानि नहीं पहुंचाते हैं।संघर्ष और भागदौड़ बहुत होती है लेकिन पर्याप्त लाभ भी होता है। दूरस्थ यात्राओं का योग बनने की संभावना है अतिथि आगमन के योग बनेगा। भूमि भवन का लाभ होगा घर में सुख संसाधनों का योग बनेगा। दुर्गा मां की पूजा करें अथवा हनुमान चालीसा पढ़ा करें।

मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शनि की साढेसाती की प्रथम ढैया ढाई साल की चल रही है जो श्रम साध्य कार्यों में रुचि बढ़ाती है ।कार्य की अधिकता से मन परेशान रहता है ।किंतु लाभ के योग बनते रहते हैं समाज में प्रतिष्ठा में बढ़ती है। किंतु आचरण संदिग्ध होने की संभावना है ।किसी के प्रति नकारात्मक भावना न रखें ।छोटी-मोटी यात्राओं के खूब योग बनेंगे ।इसलिए स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए कार्य करते रहें ।परिवार में शुभ कार्य होने की योग हैं इसके साथ-साथ धन लाभ ,प्रतिष्ठा प्राप्त ,होगी व्यापार में लाभ होगा और दूरस्थ स्थानों अथवा धार्मिक स्थान पर जाने की सुयोग बनेंगे । विष्णु भगवान की पूजा करें गायत्री मंत्र जाप करें।

आचार्य शिवकुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट

Umesh Kumar

Umesh is a senior journalist with more than 15 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites and is now associated with Local Post as Consulting Editor

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