गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में, निर्माण गतिविधियां पर प्रतिबंध; नियम तोड़ने पर 15 लाख का जुर्माना

गाजियाबाद : राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए गाजियाबाद समेत एनसीआर में जीआरएपी का तीसरा चरण लागू किया गया है। इसके तहत कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं, ऐसा न करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
नियम तोड़ने पर लगेगा 15 लाख का जुर्माना
एडीएम सिटी ने बताया कि एनसीआर में ग्रेप-3 लागू होने के बाद निजी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। अभी नियम तोड़ने वालों को नोटिस जारी किया जा रहा है।
वायु प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए लोहा मंडी में लगे होर्डिंग
लोहा मंडी की सड़कों की हालत पिछले कई सालों से खराब है। सड़कों से उड़ने वाली धूल से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। वहीं, नगर निगम व उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPCIDA) से सड़क निर्माण की मांग को लेकर गुस्साए लोहा व्यापारियों ने सड़क निर्माण व वायु प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए होर्डिंग लगा दी।
गाजियाबाद आयरन वेंडर बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अतुल कुमार जैन ने कहा कि लोहा मंडी क्षेत्र के व्यापारियों, निवासियों और कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों का निर्माण बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी मांग पिछले कई सालों से की जा रही है। लोहे से लदा वाहन असंतुलित होकर सड़क के गहरे गड्ढों में जा टकराया। यहां आए दिन दोपहिया व चौपहिया वाहनों के हादसे होते रहते हैं।
वाहनों की आवाजाही के कारण टूटी सड़कों से उड़ रहे धूल के कण वायु प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। संबंधित संस्था द्वारा यहां नालों व सीवर की कोई व्यवस्था नहीं की गई। लोहा व्यापारियों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश है। उन सड़कों का क्या, जहां सड़कें ही नहीं बची हैं? लौह व्यापार मंडल ने मुख्यमंत्री से संबंधित संस्थाओं को सड़क निर्माण के लिए निर्देश देने की मांग की है।