यूपी : शादियों में नहीं बजेगा बैंड बाजा, लेनी पड़ेगी मजिस्ट्रेट से परमिशन

नोएडा: उत्तर प्रदेश में अब शादियों में हाई डेसीबल आवाज में बैंड बाजा नहीं बजाय जा पायेगा। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने लाउडस्पीकरों और उच्च डेसिबल ध्वनियों पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया है। शादियों या अन्य समारोहों में हाई डेसिबल संगीत या डीजे बजाने के लिए, मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी, फिर स्थानीय पुलिस स्टेशन और वहां से ट्रैफिक पुलिस के पास फॉर्म ले जाना होगा। प्रपत्र को वापस मजिस्ट्रेट के पास ले जाना होगा, जो अनुमोदन के लिए अंतिम मुहर लगाएगा।
प्रदेश सरकार के इस आदेश के बाद प्रदेश की जनता नाखुश है। शादी से एक दिन पहले किसी तरह अनुमति प्राप्त करने वाले सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने कहा, “मुझे एक सप्ताह तक अनुमति लेने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा. अधिकांश समय, मजिस्ट्रेट उपलब्ध नहीं थे, फिर स्थानीय पुलिस अधिकारियों से मिलने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। यदि आपने उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाया, तो जवाब था संगीत के लिए अनुमति देने के अलावा हमारे पास और भी कई जरूरी काम हैं।”
दूसरी तरफ कई ऐसे लोग भी है जिन्हे परमिशन नहीं मिल पायी है। ऐसे ही लोगो में से एक प्रयागराज के सुधांशु मिश्रा बताते हैं “मेरे दोस्तों ने मेरी मदद करने का फैसला किया और शादी में मेरे लिए गिटार बजाया। बेशक हमें जश्न से डांस को हटाना पड़ा।”अनुमति के अलावा बारात के लिए बैंड की उपलब्धता भी एक बड़ी समस्या है। कोविड-19 महामारी के दौरान, बैंड व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और अधिकांश बैंड सदस्यों ने अन्य पेशों की ओर रुख कर लिया। एक अनुमान के मुताबिक अकेले लखनऊ में हर दिन 1,000 से 1,500 शादियां हो रही हैं।