महीने में महज 1000 रुपये कमाने वाला यह युवक 200 करोड़ की कंपनी का मालिक है…
कभी बरेली की गलियों में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर मात्र एक हजार रुपए कमाने वाले क्षितिज अग्रवाल आज 200 करोड़ रुपए की कंपनी के मालिक हैं। क्षितिज को यह सफलता महज संयोग से नहीं मिली है। इसके लिए उन्हें लिए काफी पापड़ बेलने पड़े हैं। उनकी कहानी मिडिल क्लास यूथ के लिए काफी इंस्पायरिंग है। क्योंकि जिस तरह से उन्होंने अपनी पढ़ाई की और अभावों के बीच खुद ट्यूशन पढ़ाकर संघर्ष किया, यह वास्तव में इतना आसान नहीं था। आज उनकी कंपनी टेकिला ग्लोबल सर्विसेज में लगभग 300 लोग कार्यरत हैं। अब क्षितिज अग्रवाल बरेली के 100 युवाओं को रोजगार देने के अपने प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं उनकी कंपनी इस समय युवाओं को फ्री सेल्सफोर्स एजुकेशन भी दे रही है।
बरेली में जन्मे क्षितिज अग्रवाल ने कई आर्थिक मुश्किलें देखी हैं। क्षितिज जब सातवीं कक्षा में ही पढ़ रहे थे तो उनके पिता को व्यापार में घाटा हो गया था। उसके पास इतना पैसा भी नहीं था कि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सके। इसके बाद क्षितिज बरेली की गलियों में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा। इसी तरह उन्होंने 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 2004 में श्री राममूर्ति कॉलेज में बी.टेक में दाखिला लिया। इसके लिए उन्होंने 3 लाख 50 हजार रुपये का कर्ज लिया। ताकि वह बी.टेक कर सके।
कोचिंग सेंटर में पढ़ाकर बीटेक की पढ़ाई पूरी की क्षितिज बताते हैं कि बीटेक की पढ़ाई से उन्हें कर्ज चुकाने के लिए दो कोचिंग सेंटरों में पार्ट टाइम पढ़ाने की नौकरी मिल गई। वह दोनों चीजें मैनेज करने के लिए सुबह छह बजे उठ जाते थे। शाम 5 बजे तक वह कॉलेज में पढ़ता था और उसके बाद कोचिंग में पढ़ाने के बाद रात 10 बजे तक राज घर लौट पाता था। इस तरह उन्होंने कर्ज की किस्त भरते हुए बीटेक की पढ़ाई पूरी की। 2008 में बीटेक करने के बाद उन्हें आईबीएम में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर पुणे में 25 हजार रुपये में नौकरी मिल गई। जहां से उन्हें अमेरिका जाने का मौका मिला। 2011 में उन्होंने कंपनी के लिए एक बड़ी डील की। उस दौरान उन्हें लगा कि वह यह काम अपने लिए कर सकते हैं। अमेरिका से लौटते ही उन्होंने तय कर लिया कि अब वे नौकरी नहीं करेंगे, बल्कि लोगों को नौकरी देंगे।
पहली डील में इतने पैसे मिले कि 5 साल की नौकरी में भी नहीं कमा सके। क्षितिज अग्रवाल ने बताया कि सेल्सफोर्स उस दौर में एक नई तकनीक थी। उन्होंने पुणे में रहने वाले अपने दो दोस्तों को सेल्सफोर्स के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने टेकिला ग्लोबल सर्विसेज कंपनी की स्थापना की। क्षितिज ने बताया कि कंपनी को पहली डील अमेरिका से भी मिली थी। उन्होंने बताया कि इस डील में उन्हें इतना पैसा मिला कि 5 साल की नौकरी में भी नहीं कमा पाए। इसके बाद कंपनी का पहला ऑफिस पुणे में खुला। उन्होंने बताया कि इस समय भारत और अमेरिका के करीब 300 लोग उनकी कंपनी में काम करते हैं।
क्षितिज जिस अमेरिका में नौकरी करने गए थे, आज उसी देश के युवाओं को नौकरी दे रहे हैं। कंपनी के आठ प्रमुख पदों पर सात अमेरिकी हैं। वह कहते हैं कि अपने शहर के इंजीनियरकों के लिए वहीं अवसर उपलब्ध कराऊंगा। इसके लिए बड़ा प्रोजेक्ट बनाया है, जिसमें सौ युवाओं को शामिल करूंगा। उनकी कंपनी इस समय भी सेल्सफोर्स की निश्शुल्क शिक्षा देती है। यह क्लाउड आधारित साफ्टवेयर डेवलपमेंट तकनीक है। जिसे किसी भी कंपनी द्वारा कस्टमाइज किया जा सकता है।