पंजाब से शुरू हुआ आतंकवाद का मुद्दा अब यूपी चुनाव में भी शामिल, जानिए क्या है मामला ?
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध रखने के इल्जाम लगने से राष्ट्र में खलबली बची हुई थी, इस बीच यूपी चुनाव में भी आतंक के मुद्दे की एंट्री हो गई. यहां सपा निशाने पर है ।
भाजपा का इल्जाम हैं कि अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में जिन 38 गुनाहियों को फांसी की सजा दी गई है, उनमें से एक के परिवार का संबंध सपा के मुखिया अखिलेश यादव से रहा है । भाजपा पूरे जोरशोर से इस मुद्दे को उठा रही है । सपा के पुराने फैसलों की भी दुहाई दी जा रही है, तीसरे चरण के चुनाव से ठीक पहले आतंक के मुद्दे की एंट्री होना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। चुनावी पंडितों का मानना है कि इससे चुनाव का समीकरण बदल भी सकता है ।
जानिए कैसे ?
पहले जान लीजिए क्या मामला है ? 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट की अवधि में हुए 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद को हिला कर रख दिया था । केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने नयी दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की । उन्होंने कहा, सपा के रिश्ते आतंकवादियों के साथ हैं। अखिलेश यादव की सोच मुंह में राम, बगल में आतंकवादी वाली है । हिंदुस्तान की ये पहली पार्टी है जिसने 2012 में अपने घोषणा-पत्र में कहा था कि यदि उनकी गवर्नमेंट आती है तो वह मुसलमान युवाओं पर लगे आतंकवाद के इल्जामों को हटा देंगे और उन्हें रिहा कर देंगे । गवर्नमेंट बनने के बाद इन्होंने अयोध्या, काशी में आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों के ऊपर से सारे मुकदमे वापस लेने की असफल प्रयास भी किया था । लखनऊ, रामपुर समेत अन्य जिलों में हुए आतंकी हमलों के इल्जामियों को भी इन्होंने ही बचाया था। अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में फांसी की सजा पाने वाले आतंकवादी के साथ सपा के मुखिया अखिलेश यादव के रिश्ते हैं। यदि ये फिर से सत्ता में आते हैं तो ये आतंकवादियों का ही साथ देंगे ।
किस आतंकवादी को लेकर सपा पर लग रहे इल्जाम?
भाजपा का दावा है कि सपा के मुखिया अखिलेश यादव के साथ खड़ा ये शख्स आतंकी मोहम्मद सैफ का पिता है, केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहम्मद सैफ का जिक्र किया । मोहम्मद सैफ उन 38 आतंकवादियों में से एक है, जिसे गुजरात की स्पेशल न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है । अनुराग ठाकुर ने सैफ के पिता शादाब अहमद और सपा के मुखिया अखिलेश यादव की एक फोटो भी जारी की । इसमें दोनों साथ दिखाई दे रहे हैं । बताया जाता है कि शादाब आजमगढ़ का रहने वाला है।
आतंकवाद की एंट्री से चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?
पॉलिटिक्सक विश्लेषक प्रो। अजय सिंह कहते हैं, यूपी में भाजपा कानून व्यवस्था के मुद्दे को जोरशोर से उठा रही है । उसका कहना है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपी में क्राइम पर लगाम लगी है । क्राइमी और गुंडे लुटेरे या तो प्रदेश छोड़ चुके हैं या फिर कारागार में बंद हैं। वहीं, दूसरी ओर सपा पर गुंडागर्दी और क्राइम को बढ़ावा देने का इल्जाम हमेशा लगता रहा है। इसी से बचने की प्रयास में अखिलेश अपनी रैलियों में कह रहे हैं कि जिन्हें कानून का पालन नहीं करना है वो सपा को वोट नहीं दें ।
शुक्रवार को गुजरात की एक विशेष न्यायालय ने अहमदाबाद में 2008 में हुए बम धमाकों के गुनाहियों को सजा सुनाई । 13 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने इस सीरियल बम ब्लास्ट के 38 गुनाहियों को सजा-ए-सज़ा-ए-मृत्यु दी । 11 अन्य गुनाहियों को जीवन भर जेल की सजा सुनाई गई है। इन 49 लोगों को पहले ही गुनाही करार दिया गया था । मामला 26 जुलाई 2008 का था, तब 70 मिनट की अवधि में हुए 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद को हिला कर रख दिया था। इन हमलों में 56 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 200 से अधिक घायल हुए थे । पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन भारतीय मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने वर्ष 2002 में गुजरात दंगों (गोधरा काण्ड) का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था । बीजेपी का इल्जाम है कि इस मामले में जिन 38 आतंकवादियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, उनमें से एक के पिता के संबंध सपा के मुखिया अखिलेश यादव से हैं। वह आतंकवादी स्वयं सपा के लिए प्रचार करता था । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के लगभग सभी बड़े नेता इसको लेकर सपा और अखिलेश यादव पर निशाना साध रहे हैं।