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आरआरटीएस कॉरीडोर के निर्माण के लिए आनंद विहार से मेरठ तक के बिजली यूटिलिटी शिफ्टिंग/ मॉडिफिकेशन का कार्य पूरा

मेरठ : आरआरटीएस कॉरीडोर के निर्माण के लिए सम्पूर्ण बिजली यूटिलिटी शिफ्टिंग या मॉडिफिकेशन का कार्य अब पूरा हो गया है। इसके अंतर्गत आरआरटीएस वायाडक्ट के रास्ते में आने वाली बिजली की सभी एक्सट्रा हाई टेंशन (EHT) लाइनों और ट्रांसफार्मर को शिफ्ट कर दिया गया है। आनंद विहार से मेरठ तक के कॉरिडोर पर 42 जगहों पर बिजली की हाई टेंशन लाईनों और ट्रांसफार्मर को शिफ्ट या मॉडिफाई किया गया है जो आरआरटीएस कॉरिडॉर के रास्ते में आ रहे थे।

एनसीआरटीसी की डिस्ट्रिब्यूशन लाइन की शिफ्टिंग एंड मॉडिफिकेशन प्रक्रिया के तहत पुराने सिंगल सर्किट लाइन के बदले डबल सर्किट लाइन डाली गई है और जहां भी पुरानी सर्किट की एक से ज्यादा लाइनें बिछी थीं, वहां प्रति लाइन डबल सर्किट (एक रनिंग और एक स्टैंडबाई के रूप में) बिछाया गया है। इससे इन बिजली की हाई टेंशन लाईनों व ट्रांसफार्मर का उन्नयन तो हो ही रहा है, इनकी क्षमता में भी वृद्धि हो रही है।

शहरी परिवहन के भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार है जब एक इतनी बृहद परिवहन परियोजना के क्रियान्वयन के साथ-साथ इतने बड़े स्तर पर डिस्ट्रिब्यूशन लाइन की शिफ्टिंग/ मॉडिफिकेशन कार्य भी कर रही है। एनसीआरटीसी द्वारा किए जा रहे इस दुसाध्य कार्य के नतीजतन राजधानी क्षेत्र को न सिर्फ एक स्टेट ऑफ दी आर्ट, आधुनिक और तीव्र गति की परिवहन व्यवस्था का लाभ मिलेगा बल्कि साथ ही एक उच्च गुणवत्ता वाले, आधुनिक यूटिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का तोहफा भी मिलेगा।

ज़रूरत के हिसाब से इन लाइनों को कहीं नए टावर लगाकर वायाडक्ट के लेवल से पर्याप्त ऊंचाई पर फिक्स किया गया है, तो कहीं इन्हें भूमिगत डाला गया है, ताकि वायाडक्ट पर ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से किया जा सके। इनमें सबसे ज्यादा बिजली की लाइनें गाजियाबाद से शताब्दी नगर, मेरठ क्षेत्र में हटाई गईं हैं। इनमें यूपीपीटीसीएल, पावर ग्रिड, एनटीपीसी और पीवीएनएल समेत अन्य बिजली कंपनियों की 66केवी, 132 केवी, 220 केवी और 400 केवी की लाइनें शामिल हैं।

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बिजली यूटिलिटी शिफ्टिंग या मॉडिफिकेशन का काम बहुत जोखिम भरा और चुनौतीपूर्ण होता है। विद्युत डिस्ट्रीब्यूशन लाइन को भूमिगत बिछाना, इनके टावर स्थापित करना, उन्हें मुख्य लाइन से जोड़ना और पुराने बिजली के तारों और पोल का निस्तारण, ट्रांसफार्मर आदि की शिफ्टिंग या मॉडिफिकेशन वाले काम बेहद सावधानी से किए जाते हैं, जिससे नीचे स्थित किसी अन्य वायर, यूटिलिटी या जान माल को कोई नुकसान ना पहुंचे व दुर्घटना की संभावना भी न रहे। एनसीआरटीसी द्वारा पीवीवीएनएल के स्वीकृत मानकों के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाले केबल और पोल का उपयोग किया जा रहा है, जो बिजली उपभोक्ताओं के लिए आने वाले कई दशकों तक बिजली आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित करेंगे।

इस कार्य के तहत अभी तक मेरठ में शताब्दी नगर से मोदीपुरम के बीच के आरआरटीएस कॉरिडोर में लगभग 18 किमी के क्षेत्र में 33केवी, 11 केवी और 0.4 केवी की लगभग 120 किलोमीटर से ज्यादा लंबी, डबल सर्किट लाइन मुख्य सड़क के दोनों ओर जमीन के नीचे भूमिगत बिछाई गयी है। इसके अलावा इस स्ट्रेच में 50 ट्रांसफॉर्मर भी शिफ्ट किए गए हैं।

एनसीआरटीसी द्वारा बिछाये गए भूमिगत वितरण नेटवर्क के दो महत्वपूर्ण फ़ायदे हैं। सर्वप्रथम, विद्युत ब्रेकडाउन कम से कम होगा। ओवरहेड विद्युत लाइन बहुत बार तेज हवा या आंधी आने से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और लाइन में फॉल्ट भी आ जाती है, जिससे क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति गंभीर रूप से प्रभावित होती है। लेकिन भूमिगत केबल होने से ब्रेकडाउन व अन्य फॉल्ट से लगभग छुटकारा मिल जाता है और क्षेत्र को निर्बाध बिजली की आपूर्ति होती रहती है।

दूसरा, भूमिगत विद्युत केबल होने से प्रति वर्ष बिजली चोरी और ब्रेकडाउन से होने वाले राजस्व क्षति में कमी आएगी। बिजली की 24×7 उपलब्धता से निवेश, व्यापार व उद्योग विस्तार करने का बेहतर माहौल बनेगा जिससे उपभोक्ता और उत्पादक दोनों को लाभ होगा। भूमिगत केबल होने के कारण विद्युत वितरण की लाइन को कम रखरखाव की आवश्यकता होती है और यह किसी भी अकल्पनीय दुर्घटना की संभावना को भी न्यूनतम करता है।

एनसीआरटीसी प्रारम्भ से ही कम से कम समय का शटडाउन लेकर बिजली की लाईनों को शिफ्ट या मॉडिफाई करने का कार्य करता आया है। शट डाउन अवधि को न्यूनतम रखने के लिए एनसीआरटीसी पहले से ही सारी तैयारी कर लेता है जिसमें भूमिगत केबल बिछाना, ट्रेंड एक्स्पर्ट्स लाना, मशीनरी व उपकरण, अन्य सामग्री आदि शामिल हैं। शट डाउन करने के बाद विद्युत आपूर्ति लाइन को विधिवत जोड़ा जाता है और तय समयान्तराल के अंदर ही विद्युत आपूर्ति पुनः बहाल कर दी जाती है।

Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

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