हाउस टैक्स वृद्धि के विरोध में पार्षदों की जीत, नगर आयुक्त ने मानी तीन बड़ी मांगें

गाजियाबाद: नगर निगम द्वारा हाल ही में की गई हाउस टैक्स वृद्धि के खिलाफ जारी संघर्ष में गाजियाबाद के सभी पार्षदों को बड़ी सफलता मिली है। पिछले तीन दिनों से नगर निगम मुख्यालय में डटे पार्षदों ने जनता की आवाज बुलंद करते हुए टैक्स वृद्धि के खिलाफ लगातार दबाव बनाया। अंततः नगर आयुक्त के साथ हुई विस्तृत और सार्थक चर्चा में तीन महत्वपूर्ण मांगों पर सहमति बन गई।
इस बातचीत में सभी पार्षदों की उपस्थिति रही और तीन सूत्रीय निर्णय लिए गए:
- टैक्स वृद्धि के आधार पर भेजे जा रहे नोटिसों को तत्काल प्रभाव से रोका जाएगा।
- शहरवासियों को 30 सितंबर 2025 तक 20% की टैक्स छूट दी जाएगी।
- 25 जुलाई तक हाउस टैक्स निरस्तीकरण संबंधित बोर्ड बैठक की मिनट्स की कॉपी पार्षदों को उपलब्ध करा दी जाएगी।
इस फैसले से शहरवासियों को बड़ी राहत मिली है, जिनपर अचानक से बढ़े हाउस टैक्स का बोझ डाल दिया गया था। जनता के बीच पार्षदों की इस एकजुटता और संघर्ष को सराहा जा रहा है। पार्षदों ने कहा कि “हमारा यह संघर्ष जनता के हक और शहर के सम्मान के लिए था।”

इस मुद्दे पर पिछले कई दिनों से नगर निगम परिसर में विरोध प्रदर्शन हो रहा था, जिसमें शहर भर के पार्षद शामिल थे। उनका स्पष्ट कहना था कि पूर्ण बहुमत से सदन में हाउस टैक्स वृद्धि प्रस्ताव पहले ही खारिज हो चुका है, इसके बावजूद नोटिस भेजा जाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान है।
नगर निगम के इस निर्णय के बाद, पार्षदों ने जनता से अपील की कि वे अपना हक जानें और जरूरत पड़ने पर आवाज उठाएं। साथ ही प्रशासन से अपेक्षा जताई कि भविष्य में बिना सदन की सहमति के ऐसे आदेश दोबारा न जारी किए जाएं।



