
चिकित्सको को मास्टर ट्रेनिंग शुरू
विदेश से आ रहे यात्रियों पर रखी जा रही नजर
मेरठ : गाजियाबाद में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज मिलने के बाद मेरठ स्वास्थ्य विभाग में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में मंकीपॉक्स के मरीजो के लिए 5-5 बेड के वार्ड आरक्षित किए गए हैं। इस बीमारी की पहचान, इलाज और बचाव के लिए मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। विदेश से आनो वालो पर नजर रखी जा रही है।
गाजियाबाद में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज मिलने के बाद मेरठ में भी स्वास्थ विभाग अलर्ट हो गया है। मेरठ के सीएमओ अखिलेश मोहन ने बताया कि मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में 5 – 5 बेड के वार्ड बनाकर उसे मंकीपॉक्स के मरीजो के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इस बीमारी की पहचान, बचाव और इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग मास्टर ट्रेनर भी तैयार कर रहा है। इसके लिए सीएमओ के अधीन कार्यरत चिकत्सकों को मास्टर ट्रेनरों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। ये मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग के बाद ही मंडलीय, जनपदीय, ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों और नगरीय स्वास्थ्य इकाइयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों और पैरा मेडिकल कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे।
मंकीपॉक्स के सर्विलांस के लिए कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स (एएनएम और आशा) को ब्लॉक स्तरीय चिकित्सालयों और नगरीय स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग विदेश से आने वाले यात्रियो पर भी नजर रख रहा है।
मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान ने बताया कि मंकी पॉक्स एक पशु जनित बीमारी है। यह वायरस के संक्रमण के कारण होती है। इसके लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह में दिखाई देते है। संक्रमित लोगों की स्क्रीनिंग जरूरी है। इनकी 21 दिन तक निगरानी की जाएगी। इसमें रोगी के संपर्क में आने वाली किसी भी सामग्री जैसे बिस्तर आदि के संपर्क में आने से बचना चाहिए। जिनमें मंकी पॉक्स के लक्षण दिखाई दे उन रोगियों को दूसरों से अलग आइसोलेट रखें। रोगियों की देखभाल करते समय पीपीई किट का उपयोग करें। दूसरों के साथ संपर्क के जोखिम को कम करने के लिए घावों को ज्यादा से ज्यादा ढका जाना चाहिए।


