नई दिल्ली: फेस्टिव सीजन में दिल्ली में जगह-जगह एग्जीबिशन हो रहे हैं। होटल, बैंक्वेट हॉल, सामुदायिक भवन और पार्कों में भी प्रदर्शनियां लग रही है। लगभग 2 साल बाद एग्जीबिशन इंडस्ट्री से जुड़े व्यापारियों का कारोबार पटरी पर लौटा है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल भी कई एग्जीबिशन में पहुंचकर बाजार की नब्ज टटोल रहे हैं। उन्होंने बताया कि अनुमान के मुताबिक अब रोजाना छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 25 एग्जीबिशन हो रही है। जमकर आंत्रप्रिन्योर हिस्सा ले रहे हैं। इस हिसाब से फेस्टिव सीजन के आगामी डेढ़ महीने में करीब 1000 एग्जीबिशन हो जाएंगी। नवंबर में अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर भी है। छोटी से छोटी एग्जीबिशन में भी यदि 1 करोड़ रुपये का कारोबार हो जाता है, तो 1000 करोड़ रुपये का बिजनेस होने की संभावना है। कई बड़े बैंक्वेट और 5 स्टार होटल्स में तो करोड़ों रुपये का कारोबार होता है।
एग्जीबिशन में सोने-चांदी के आभूषण, आर्टिफिशियल जूलरी, लहंगे, साड़ियां, सूट, गिफ्ट आइटम्स, रसोई का सामान, डेकोरेशन आइटम और घरेलू सामान ज्यादा बिकता है। इनमें उन महिला आंत्रप्रिन्योर को भी मौका मिलता है, जिनके पास अपनी दुकान, ऑफिस, शोरूम नहीं होते हैं। मान्या पाठक के एक एग्जीबिशन में शामिल होने पहुंचे बृजेश ने बताया कि कोविड-19 महामारी के बाद सरकार बिजनेस टू बिजनेस एग्जीबिशन को अनुमति दी थी। बाद में सीटीआई की पहल पर बिजनेस टू कस्टमर एग्जीबिशन को अनुमति मिली।
दिल्ली सरकार भी जनवरी-फरवरी में शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करने जा रही है। इसकी तैयारियां भी चल रही है। इस दौरान सीटीआई वीमन काउंसिल की प्रेजिडेंट मालविक साहनी, राजमणि पाठक, शालिनी मटाई, कुसुम यादव, सलोनी कौर और नीतू खत्री भी मौजूद रहीं।