गाजियाबाद में सुपारी किलिंग की साजिश का खुलासा, 5 लाख में तय हुई थी हत्या

गाजियाबाद। थाना लिंक रोड क्षेत्र में दिनांक 17 जून 2025 को रामप्रस्थ कॉलोनी निवासी अमित किशोर जैन पर जानलेवा हमला करने के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस हमले की साजिश ₹5 लाख की सुपारी के बदले रची गई थी। पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन निमिष पाटील द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस साजिश के मास्टरमाइंड अनुराग गर्ग नामक शातिर अपराधी हैं, जिन पर पहले से ही देशभर में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।
साजिश की शुरुआत
अनुराग गर्ग, जो पहले वेबवर्क ट्रेड लिंक्स नामक ऑनलाइन कंपनी के ज़रिए ₹500 करोड़ की धोखाधड़ी में जेल जा चुका है, ने पुरानी रंजिश में अमित जैन को रास्ते से हटाने के लिए अपने पुराने परिचित अमित यादव को सुपारी दी। अमित यादव को लालच दिया गया कि वह यदि हत्या करा देगा तो उसे ₹5 लाख और भविष्य में मालामाल कर दिया जाएगा।
हत्या की योजना और हमले का दिन
अमित यादव ने यह प्रस्ताव अपने मित्र प्रियांशु गौतम उर्फ यशु को बताया। यशु ने अपने भाई अश्वनी उर्फ दिलावर और दोस्त प्रियांशु तेवतिया को इस काम में शामिल किया। 15 अप्रैल को आरोपी अनुराग गर्ग से सभी की मुलाकात कराई गई, जहाँ एक मोबाइल फोन दिया गया जिसमें अमित जैन की तस्वीरें, पता और अन्य जानकारियाँ थीं। ₹50,000 एडवांस भी दिए गए।
16 जून को सभी आरोपियों ने मिलकर हमला किया जिसमें अमित जैन बाल-बाल बचे लेकिन घायल हो गए। हमले के तुरंत बाद हथियार और अन्य सबूत अलग-अलग जगहों पर छिपा दिए गए।
गिरफ्तारी और मुठभेड़
थाना लिंक रोड पुलिस ने साक्ष्य एकत्र करते हुए एक-एक करके आरोपियों को गिरफ्तार किया। प्रियांशु तेवतिया को पहले गिरफ्तार किया गया। फिर अश्वनी और अमित यादव को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन वे भागने की कोशिश में मुठभेड़ के दौरान घायल हो गए। दोनों के पास से तमंचा, कारतूस, मोबाइल और मोटरसाइकिल बरामद की गई।
6 जुलाई को पुलिस ने तीसरे आरोपी प्रियांशु गौतम उर्फ यशु को भी लालकुआं से गिरफ्तार कर लिया।
अनुराग गर्ग का आपराधिक इतिहास
अनुराग गर्ग, मेरठ निवासी, IIT रुड़की से इंजीनियरिंग कर चुका है। उसने Webwork Trade Links नाम की ऑनलाइन कंपनी के माध्यम से 2 लाख से अधिक निवेशकों से ₹500 करोड़ की ठगी की थी। यह कंपनी सोशल मीडिया पर “लाइक” करने के बदले पैसे देने का झांसा देती थी, जो एक क्लासिक पॉन्ज़ी स्कीम थी।
2017 में गिरफ्तारी के बाद वह जेल से बाहर आया और फिर से अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया।
अनुराग पर गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ समेत कई शहरों में 56 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें धोखाधड़ी, कोर्ट के आदेशों की अवहेलना और फरारी शामिल है।
पुलिस की सराहना
इस पूरे प्रकरण में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट की लिंक रोड पुलिस टीम ने बेहतरीन कार्य करते हुए न केवल सुपारी किलिंग की साजिश का पर्दाफाश किया, बल्कि हथियार, वाहन और साजिशकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं और विस्तृत जांच जारी है।



