मेरठ, 2 फरवरी 2024: सुभारती विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग द्वारा आज दस दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महामान्य फ्रेडी स्वेन एस्बेस्डर (डेनिश एम्बेसी भारत), उपकुलपति डा. अभय शंकर गौडा, प्राचार्य डा. पिन्टू मिश्रा, विभागाध्यक्ष डा. पूजा गुप्ता एवं आमंत्रित मूर्तिकार लिने थॉर्डर्सन द्वारा दीप प्रज्जलन कर किया गया।
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में सरस्वती वंदना, कथक नृत्य, और कोनल भांगडा आदि छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए। साथ ही लिने थॉर्डर्सन की आर्ट कैटेलॉग का भी विमोचन किया गया। अपने कार्यों के विषय में बताते हुए लिने ने कहा कि उनके मूर्ति मानव जीवन के अनुभवों, विविध भावनाओं को प्रस्तुत करते क्षणों पर आधारित हैं। वह मुख्य रूप से कांस्य में कार्य करती हैं।
इस अवसर पर राजा रवि वर्मा कला दीर्घा में लिने के कार्यों की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन महामान्य फ्रेडी स्वेन द्वारा किया गया। ललित कला विभाग के विद्यार्थियों के चित्र, मूर्ति एवं पोस्टरों की भी उन्होंने भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि सुभारती ललित कला विभाग के विद्यार्थी प्रखर कलाकारों के समान सीख रहे हैं। इस प्रकार का उच्च कोटि सृजनात्मक कार्य बहुत ही शानदार प्रस्तुति के साथ कला दीर्घाओं में संग्रहीत है।
इस अवसर पर उपकुलपति डा. अभय शंकर गौडा ने कहा कि विश्वविद्यालय का ललित कला विभाग सुचारू रूप से हर समय परिपक्वता में लीन रहता है। विद्यार्थियों के कार्य की तुलना करना असंभव प्रतीत होता है।
प्राचार्य डा. पिन्टू मिश्रा ने कहा कि चित्रकला समस्त कलाओं की जननी है, अतः यह शीर्ष पर है। विद्यार्थियों के कार्यों को एक छत के नीचे प्रदर्शित करना और उनके कार्यों की गुणवत्ता अतुलनीय है।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डा. पूजा गुप्ता ने मंच का संचालन एवं कार्यक्रम का आयोजन किया और बताया कि विभाग में दस दिवसीय मूर्तिकला कार्यशाला हेतु डेनमार्क से लिने थॉर्डर्सन को आमंत्रित किया गया है। वह लाइव मॉडल के साथ कार्य करना सिखाएंगी।
सम्पूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में डा. भावना ग्रोवर, डा. वन्दना तोमर, डा. अंशु श्रीवास्तव, श्री धर्मराज गुप्ता एवं श्री लकी त्यागी का योगदान रहा।