मेरठ के डॉक्टरों पर किडनी चुराने का सनसनीखेज आरोप, महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज!

बुलंदशहर : मेरठ के छह डॉक्टरों पर एक महिला की किडनी निकालने के गंभीर आरोप में नरसेना थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। एसीजेएम तृतीय की कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई।
इलाज के नाम पर किडनी गायब होने का आरोप
2017 में बुखार का इलाज कराने गई महिला ने आरोप लगाया कि मेरठ के केएमसी अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी एक किडनी निकाल ली गई। इस घटना का खुलासा 2022 में अल्ट्रासाउंड कराने पर हुआ। महिला ने इसे मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
एफआईआर में नामजद डॉक्टर
नरसेना थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, मेरठ स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर और अस्पताल से जुड़े डॉक्टर पति-पत्नी समेत कुल 6 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें डॉ. सनी, डॉ. जयन, डॉ. सुमन, और अन्य डॉक्टरों के नाम शामिल हैं।
आरोपों की गंभीरता
महिला का आरोप है कि इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उनकी सहमति के बिना किडनी निकाल ली और इसके बारे में जानकारी छिपाई। 2022 में जब उन्होंने अल्ट्रासाउंड कराया, तब जाकर इस घिनौने कृत्य का पता चला। इसके बाद उन्होंने कानून का सहारा लेते हुए न्यायालय में मामला दर्ज कराया।
कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज
एसीजेएम तृतीय कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नरसेना थाने को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। पुलिस ने मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम और धमकी देने से जुड़ी धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने अस्पताल से जुड़े दस्तावेज और आरोपियों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। मामले की जांच का नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की जा रही है।
महिला का दर्द
महिला ने कहा, “मैं डॉक्टरों पर भरोसा करके इलाज के लिए गई थी, लेकिन उन्होंने मेरे साथ विश्वासघात किया। मैं न्याय के लिए लड़ाई लड़ूंगी और ऐसे अपराधियों को सजा दिलवाकर ही चैन लूंगी।”
सामाजिक प्रतिक्रिया
घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। समाज के विभिन्न वर्गों ने इसे चिकित्सा क्षेत्र की नैतिकता पर सवाल खड़े करने वाला मामला बताया है।
पुलिस जांच के निष्कर्ष पर अब पूरे राज्य की नजर है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और दोषियों को सजा दी जा सके।