निराश्रित गोवंश मुक्ति की दिशा में वर्गीकृत वीर्य से गोवंशीय पशुओं के गर्भाधान को बढ़ावा

मेरठ: मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा0 अखिलेश कुमार गर्ग ने बताया कि पशुपालन विभाग, अन्तर्गत कृत्रिम गर्भाधान द्वारा बछिया उत्पन्न करने के उद्देश्य से मिशन मिलयन कार्यक्रम अन्तर्गत गोवंशीय पशुओं (गायों में) कृत्रिम गर्भाधान वर्गीकृत वीर्य से मिशन मोड़ में कराया जा रहा है। पूरे प्रदेश में मार्च 2024 तक 10 लाख गोवंशों में गर्भाधान कराया जाना है। जिसके तहत जनपद मेरठ में वर्ष 2023-24 में 4150 गायो को वर्गीकृत वीर्य से गर्भित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसके तहत माह मई 2023 तक 452 गायो को गर्भित किया जा चुका है।

उन्होने बताया कि पूर्व में वर्गीकृत वीर्य से गर्भित करने का शुल्क 300 रू0 था। जो सरकार द्वारा घटाकर अब मात्र 100 रू0 प्रति गर्भाधान कर दिया गया है। जिससे पशुपालकों को काफी लाभ हो रहा है। वर्गीकृत वीर्य से गर्भित कराने पर 90 प्रतिशत गायो में बछिया ही पैदा होती है तथा नर गोवंश पैदा होने की सम्भावना मात्र 10 प्रतिशत रहती है। इस प्रकार वर्गीकृत र्वीर्य से गायो को गर्भित कराने पर बछिया उत्पन्न होने के फलस्वरूप पशुपालकों के द्वारा गोवंशको निराश्रित छोड़ने पर लगाम लगेगी एव ंनिराश्रित गोवंश की मुक्ति की दिशा में एक सराहनीय कदम होगा।

उन्होने सभी पशुपालको से अपील की है कि अधिक से अधिक पशुपालक अपनी गायो को वर्गीकृत वीर्य से ही गर्भित कराने हेतु अपने निकटतम पशु चिकित्सालय/पशु सेवा केन्द्र पर पदस्थ पशु चिकित्साधिकारी/पशुधन प्रसार अधिकारी से सम्पर्क करें। कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा पशु चिकित्सालय के साथ-साथ पशुपालकों के द्वार पर भी उपलब्ध करायी जा रही है।